नई दिल्ली
सब्जी मंडी मेन बाजार के शोरा कोठी इलाके में रहने वाली आयुषी के दो बच्चे थे। सौम्या (12) और प्रांशु (7)। रोज की तरह सोमवार को भी वह अपने दोनों बच्चों को ट्यूशन से लेने गई थी और उनके साथ ही घर लौट रही थी। साईं शक्ति इलेक्ट्रॉनिक के पास दूध वाली दुकान पर दोनों बच्चे रुक गए और कुत्तों को दूध पिलाने लगे। कुत्तों का झुंड वहां जमा हो गया तो वे उनके साथ खेलने लगे। कुछ देर तक तो उनकी मां पास ही खड़ी रहीं। फिर थोड़ा आगे बढ़ गईं और बच्चों से भी घर चलने को कहा। इसके पहले कि बच्चे घर चलने के लिए आगे बढ़ते, तीन मंजिला बिल्डिंग उन पर भरभराकर गिर गई और दोनों बच्चे मां की आंखों के सामने ही मलबे में गुम हो गए। जिन बच्चों की शैतानियों पर वह नाराज हो रही थीं, एक पल में उनके बच्चे हमेशा के लिए रुठ गए। यह कहना है कि सब्जी मंडी मेन बाजार में बिल्डिंग गिरने से मरने वाले बच्चों के पड़ोसियों और रिश्तेदारों का।
बिल्डिंग गिरने से जिन बच्चों की मौत हुई है, उनके पड़ोसी और रिश्ते में चाचा मोहित के अनुसार, सौम्या और प्रांशु रोज की तरह अपनी मां आयुषी के साथ ट्यूशन से वापस घर लौट रहे थे। रास्ते में दोनों दूध वाली दुकान के पास रुक गए और कुत्तों को दूध पिलाने लगे। कुछ देर तक उनकी मां भी उनके साथ पास में ही खड़ी रही। लेकिन, देर होते देख वह थोड़ा आगे बढ़ीं और वहीं से बच्चों को घर चलने की आवाज लगाई। एक मिनट में चलने की बात कह कर बच्चे कुत्तों को दूध पिलाते रहे। इतने में ही पूरी बिल्डिंग बच्चों के ऊपर गिर गई और वे मलबे में गुम हो गए। एक पल के लिए तो उनकी मां को कुछ समझ में ही नहीं आया। उनके गले से चीख तक नहीं निकली। बदहवास वह मलबे की ढेर की ओर भागीं और अपने बच्चों को बचाने की आवाज लगाई। लोगों ने पुलिस और फिर एमसीडी अफसरों को फोन किया। थोड़ी देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई। दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम ने दोनों बच्चों को मलबे की ढेर से निकाला और हिंदूराव अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बच्चों के पिता नितिन, सदर बाजार में काम करते हैं।
सब्जी मंडी मेन बाजार के शोरा कोठी इलाके में रहने वाली आयुषी के दो बच्चे थे। सौम्या (12) और प्रांशु (7)। रोज की तरह सोमवार को भी वह अपने दोनों बच्चों को ट्यूशन से लेने गई थी और उनके साथ ही घर लौट रही थी। साईं शक्ति इलेक्ट्रॉनिक के पास दूध वाली दुकान पर दोनों बच्चे रुक गए और कुत्तों को दूध पिलाने लगे। कुत्तों का झुंड वहां जमा हो गया तो वे उनके साथ खेलने लगे। कुछ देर तक तो उनकी मां पास ही खड़ी रहीं। फिर थोड़ा आगे बढ़ गईं और बच्चों से भी घर चलने को कहा। इसके पहले कि बच्चे घर चलने के लिए आगे बढ़ते, तीन मंजिला बिल्डिंग उन पर भरभराकर गिर गई और दोनों बच्चे मां की आंखों के सामने ही मलबे में गुम हो गए। जिन बच्चों की शैतानियों पर वह नाराज हो रही थीं, एक पल में उनके बच्चे हमेशा के लिए रुठ गए। यह कहना है कि सब्जी मंडी मेन बाजार में बिल्डिंग गिरने से मरने वाले बच्चों के पड़ोसियों और रिश्तेदारों का।
बिल्डिंग गिरने से जिन बच्चों की मौत हुई है, उनके पड़ोसी और रिश्ते में चाचा मोहित के अनुसार, सौम्या और प्रांशु रोज की तरह अपनी मां आयुषी के साथ ट्यूशन से वापस घर लौट रहे थे। रास्ते में दोनों दूध वाली दुकान के पास रुक गए और कुत्तों को दूध पिलाने लगे। कुछ देर तक उनकी मां भी उनके साथ पास में ही खड़ी रही। लेकिन, देर होते देख वह थोड़ा आगे बढ़ीं और वहीं से बच्चों को घर चलने की आवाज लगाई। एक मिनट में चलने की बात कह कर बच्चे कुत्तों को दूध पिलाते रहे। इतने में ही पूरी बिल्डिंग बच्चों के ऊपर गिर गई और वे मलबे में गुम हो गए। एक पल के लिए तो उनकी मां को कुछ समझ में ही नहीं आया। उनके गले से चीख तक नहीं निकली। बदहवास वह मलबे की ढेर की ओर भागीं और अपने बच्चों को बचाने की आवाज लगाई। लोगों ने पुलिस और फिर एमसीडी अफसरों को फोन किया। थोड़ी देर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई। दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम ने दोनों बच्चों को मलबे की ढेर से निकाला और हिंदूराव अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बच्चों के पिता नितिन, सदर बाजार में काम करते हैं।