प्रस, नई दिल्ली : 'विवादों में निपटारे में देरी की समस्या को वकीलों की मदद से हल किया जा सकता है।' सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने शुक्रवार को 'के के लूथरा मेमोरियल मूट कोर्ट 2020' की 16वीं वर्षगांठ के मौके पर यह बात कही। दिल्ली यूनिवर्सिटी के लॉ सेंटर कैंपस में इसका आयोजन किया गया है। जस्टिस बनर्जी ने कहा कि जूडिशरी को वर्तमान में मामलों के निपटारे में देरी के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि वकील अदालतों की गंभीरता से मदद करें तो यह समस्या हल हो सकती है। जस्टिस बनर्जी ने यह भी कहा कि मूट कोर्ट या मॉक कोर्ट कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए फायदेमंद है। अडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी और प्रफेसर रमन मित्तल भी कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रफेसर मित्तल डीयू की लॉ फैकल्टी के डीन हैं। इस साल देश विदेश के विभिन्न संस्थानों से आई करीब 60 टीमों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया है। इसका फाइनल राउंड रविवार को है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस एनवी रमना चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होंगे।
मूट कोर्ट के मौके पर SC जज ने दी काम की सलाह
'विवादों में निपटारे में देरी की समस्या को वकीलों की मदद से हल किया जा सकता है।' सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने शुक्रवार को 'के के लूथरा ...
Navbharat Times 18 Jan 2020, 8:00 am