सौमित भट्टाचार्य,नई दिल्ली
जाट आंदोलनकारियों को दिल्ली आने से रोकने के लिए राजधानी में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने शहर और सीमा क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बलों की 130 से ज्यादा कंपनियों की तैनाती की मांग की है। दिल्ली में रविवार रात से प्रदर्शनकारियों के खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा इंतजाम कितने कड़े हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भी अर्द्धसैनिक बलों की केवल 100 कंपनियां तैनात की जाती हैं।
जाट आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली में कुछ जगहों पर धारा 144 भी लागू कर दी गई है। दिल्ली की सभी सीमा सील कर दी गई हैं और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। पुलिस को अतिरिक्त सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। खुफिया जानकारी है कि आंदोलनकारियों की शक्ल में अपराधी भी दिल्ली में घुस सकते हैं और जिनकी वजह से राजधानी की शांति भंग हो सकती है।
सुरक्षाकर्मियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से आंदोलनकारी दूध, पानी या खाने के सामान के साथ प्रवेश न कर पाएं। पुलिस ने नगर निकायों को सीमा से मिलने वाली सड़कों पर चल रहे निर्माण कार्य को रोकने के लिए कहा है। निर्माण सामग्री को भी अपद्रवियों की पहुंच से दूर रखने के लिए कहा गया है। PWD से सड़क के किनारे रखे गए कंक्रीट पाइप हटाने के लिए कहा गया है ताकि वे इनका इस्तेमाल कर रोड ब्लॉक न कर सकें।
सीमावर्ती जिले के पुलिस अधिकारियों से दिल्ली में रहने वाले जाट नेताओं से मिलकर आंदोलनकारियों का दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए मदद लेने को कहा गया है।
मंगलवार तक 5 से ज्यादा सवारी बैठाए वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक निजी तौर पर इस स्थिति की निगरानी करेंगे और शांति सुनिश्चित करने के लिए किए विशेष आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और उपायुक्त उनका साथ देंगे।
जाट आंदोलनकारियों को दिल्ली आने से रोकने के लिए राजधानी में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने शहर और सीमा क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बलों की 130 से ज्यादा कंपनियों की तैनाती की मांग की है। दिल्ली में रविवार रात से प्रदर्शनकारियों के खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा इंतजाम कितने कड़े हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भी अर्द्धसैनिक बलों की केवल 100 कंपनियां तैनात की जाती हैं।
जाट आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली में कुछ जगहों पर धारा 144 भी लागू कर दी गई है। दिल्ली की सभी सीमा सील कर दी गई हैं और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। पुलिस को अतिरिक्त सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। खुफिया जानकारी है कि आंदोलनकारियों की शक्ल में अपराधी भी दिल्ली में घुस सकते हैं और जिनकी वजह से राजधानी की शांति भंग हो सकती है।
सुरक्षाकर्मियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से आंदोलनकारी दूध, पानी या खाने के सामान के साथ प्रवेश न कर पाएं। पुलिस ने नगर निकायों को सीमा से मिलने वाली सड़कों पर चल रहे निर्माण कार्य को रोकने के लिए कहा है। निर्माण सामग्री को भी अपद्रवियों की पहुंच से दूर रखने के लिए कहा गया है। PWD से सड़क के किनारे रखे गए कंक्रीट पाइप हटाने के लिए कहा गया है ताकि वे इनका इस्तेमाल कर रोड ब्लॉक न कर सकें।
सीमावर्ती जिले के पुलिस अधिकारियों से दिल्ली में रहने वाले जाट नेताओं से मिलकर आंदोलनकारियों का दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए मदद लेने को कहा गया है।
मंगलवार तक 5 से ज्यादा सवारी बैठाए वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक निजी तौर पर इस स्थिति की निगरानी करेंगे और शांति सुनिश्चित करने के लिए किए विशेष आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और उपायुक्त उनका साथ देंगे।