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एनओ-2 से बढ़ा स्मॉग, दिवाली से पहले ही रुकने लगी दिल्ली की सांस

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को सशर्त के साथ मंजूरी क्या दी, दिल्लीवालों ने दिवाली से पहले ही दिवाली मना ली। कई एरिया में पटाखे जलाए गए। देर रात तक पटाखों की आवाज गूंजती रही। इसका असर यह रहा कि एयर इंडेक्स एक ही दिन में 74 पॉइंट बढ़ गया। न सिर्फ पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर अधिक रहा, बल्कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर भी कई क्षेत्रों में सामान्य से काफी अधिक रहा।

पूनम गौड़ | नवभारत टाइम्स 25 Oct 2018, 11:29 am
नई दिल्ली
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सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को सशर्त के साथ मंजूरी क्या दी, दिल्लीवालों ने दिवाली से पहले ही दिवाली मना ली। कई एरिया में पटाखे जलाए गए। देर रात तक पटाखों की आवाज गूंजती रही। इसका असर यह रहा कि एयर इंडेक्स एक ही दिन में 74 पॉइंट बढ़ गया। न सिर्फ पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर अधिक रहा, बल्कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर भी कई क्षेत्रों में सामान्य से काफी अधिक रहा। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड फोटोकेमिकल स्मॉग बनने की बड़ी वजह है। ऐसे में अब दिल्ली में स्मॉग का खतरा भी बढ़ रहा है। बुधवार को राजधानी के कई क्षेत्रों में प्रदूषण की हल्की परत दिखाई दी।

सीपीसीबी और स्काईमेट के अनुसार हवाओं की स्पीड कम हुई है, जिसकी वजह से प्रदूषण स्तर में इजाफा हुआ है। बुधवार को कई क्षेत्रों में दोपहर के समय भी धूल और प्रदूषण का असर दिखाई दिया और माहौल में धुंधलापन देखने को मिला। एयर इंडेक्स मंगलवार को 254 था, जो बुधवार को बढ़कर 328 पर पहुंच गया।

मुंडका में पीएम 10 का स्तर 1077 एमजीसीएम यानी सामान्य से दस गुना तक अधिक रहा, जबकि विवेक विहार में पीएम 2.5 का स्तर 282 एमजीसीएम यानी सामान्य से लगभग 5 गुना रहा।

एनओ-टू का स्तर भी कई जगहों पर सामान्य से दो से तीन गुना तक दर्ज हुआ। एक्सपर्ट के अनुसार एनओ-2 का बढ़ना काफी खतरनाक होता है। एक तय तापमान पर कई गैसों के रिएक्शन से यह बनता है। इसकी वजह से फोटोकेमिकल स्मॉग भी बनती है। जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर काफी खतरनाक असर होता है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के बढ़ने की बड़ी वजह तेल, गैस कोयले के जलने के साथ गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और पटाखों का जलना वगैरह हो सकता है।

बुधवार को एनओ-टू का स्तर नेहरू नगर में 142.2, कर्णी सिंह स्टेडियम में 182.3, ध्यानचंद स्टेडियम 149.9, रोहिणी में 112.4 एमजीसीएम, ओखला फेस टू में 137.1, अशोक विहार में 149, पूसा में 119.3, मुंडका में 103.6, आनंद विहार में 190.2, पंजाबी बाग में 185.3, आर के पुरम में 203.5 एमजीसीएम रहा। इसकी सामान्य मात्रा 80 एमजीसीएम (माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूबिक) होती है।

एनओ-2 बढ़ने से लोगों को तुरंत सांस की तकलीफें महसूस होने लगती हैं। इसके अलावा यह फेफडों के लिए काफी खतरनाक है। इससे फेफडों की क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से लोगों को सुस्ती, बदन दर्द, कफ, फ्लू, सर्दी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह खतरनाक है और उन पर अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों और बुजुर्गों में इसकी वजह से दिल की बीमारियां होने का खतरा भी रहता है।

सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 328, भिवाड़ी का 284, फरीदाबाद का 342, गाजियाबाद का 355, ग्रेटर नोएडा का 318, गुरुग्राम का 249 और नोएडा का 340 रहा।
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पूनम गौड़

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