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JNU टीचर पर छेड़छाड़ का आरोप, शिकायत में देरी पर उठे सवाल

जेएनयू की एक स्टूडेंट ने यूनिवर्सिटी के एक टीचर पर छेड़छाड़ और गालीगलौच का आरोप लगाते...

नवभारत टाइम्स 30 Oct 2017, 2:13 am

प्रमुख संवाददादाता, नई दिल्ली

नवभारतटाइम्स.कॉम student complain against jnu teacher for harassing her
JNU टीचर पर छेड़छाड़ का आरोप, शिकायत में देरी पर उठे सवाल

जेएनयू की एक स्टूडेंट ने यूनिवर्सिटी के एक टीचर पर छेड़छाड़ और गालीगलौच का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी है। शिकायत शनिवार को वसंत कुंज थाने में दी गई। स्टूडेंट ने कहा है कि 10 अक्टूबर को साबरमती ढाबे के आगे असिस्टेंट प्रफेसर ने सबके सामने उन्हें छाती से धक्का दिया और सेक्सिस्ट कमेंट किए। हालांकि, पुलिस ने अभी एफआईआर दर्ज नहीं की है। उसका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। देरी से शिकायत के सवाल पर स्टूडेंट का कहना है कि मैंने उस वक्त भी शिकायत की सोची मगर यूनिवर्सिटी की जेंडर सेंसटाइजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरसमेंट (GSCASH) खत्म की जा चुकी है, इसलिए मैंने नहीं किया। मगर 26 अक्टूबर को जब प्रॉक्टर ऑफिस से मुझे मेल आया, जिसमें जांच में मुझे ही फंसाया जा रहा है, तब दोस्तों की सलाह पर एफआईआर करवाने का फैसला किया।

आइसा की इस स्टूडेंट ने शिकायत में कहा है कि 10 अक्टूबर को टीचर ने साबरमती ढाबे के आगे उनसे बदतमीजी की। उनका कहना है कि उस दिन गर्ल्स हॉस्टल में रेड के खिलाफ दोपहर में आईएचए के आगे जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन प्रदर्शन कर रही थीं। इस बीच ऑफिस से बाहर निकलकर एक शख्स लड़कियों की तस्वीरें खींचने लगा। लड़कियों के ऐतराज पर उसने खुद को टीचर का दोस्त बताया और फोटो डिलीट करने की मांग पर वह भाग गया।

स्टूडेंट का कहना है कि शाम को करीब 6:30 बजे टीचर एबीवीपी के कुछ लोगों के साथ ढाबे पर बैठे थे। वे लोग मुझे देखकर हंसने लगे और मुझ पर इशारा भी किया। जब यह सिलसिला जारी रहा तो हम कुछ दोस्त नारे लगाने लगे। कई स्टूडेंट्स हमारे साथ हो लिए और कुछ विडियो बनाने लगे। इस पर टीचर ने एक लड़के का मोबाइल छीन लिया। उसी वक्त टीचर ने मुझे गाली देते हुए कहा कि मैं तुम्हें सुबह से देख रहा हूं… और मुझे छाती से धक्का दिया। इस पर एबीवीपी के लोग मुझ पर हंसने लगे। हमने जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट गीता कुमारी को कॉल किया। उन्होंने 100 नंबर पर कॉल किया तो मोबाइल वापस कर दिया गया।

उधर, एबीवीपी का कहना है कि यह झूठी शिकायत है। एबीवीपी लीडर सौरभ शर्मा कहते हैं, उस वक्त मैं वहीं था। उल्टा इन स्टूडेंट्स ने हॉस्टल में रेड डालने का आरोप लगाते हुए टीचर को ढाबे से भगाने की कोशिश की, जिस पर मैंने बीच-बचाव किया। अगर ऐसा ही था, तो शिकायत पहले क्यों नहीं हुई। और GSCASH बंद हुई है तो ICC में शिकायत क्यों नहीं दी?

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