विशेष संवाददाता, हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने स्वराज इंडिया की एमसीडी चुनाव के मद्देनजर एक सिंबल दिए जाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। याचिका में उन्होंने अपने प्रत्याशियों को कॉमन चुनाव चिह्न देने की मांग की थी। याचिका खारिज होने के बाद योगेंद्र यादव की पार्टी स्वराज इंडिया के उम्मीदवारों को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना होगा।
हाई कोर्ट की जस्टिस हीमा कोहली ने कहा कि मौजूदा समय में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर उम्मीदवारों की फोटो होगी और फिर ऐसे में पार्टी को अगर कॉमन सिंबल नहीं मिलता तो नुकसान नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि मामले में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के बाद याचिका दी गई है और इस मौके पर चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप सही नहीं होगा।
स्वराज इंडिया की ओर से पेश वकील ने दलील दी थी कि स्वराज इंडिया को एक सिंबल दिया जाए। चुनाव आयोग के आदेश के तहत चुनाव चिह्न संशोधन 2016 में खुद ही आयोग एक नई रजिस्टर्ड पार्टी के उम्मीदवारों को पहला चुनाव लड़ने के लिए एक सिंबल देता है। वहीं, चुनाव आयोग का कहना था कि इस तरह के संशोधन को अब खत्म कर दिया गया है। चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है ऐसे में अदालत को इस मामले में दखल से बचना चाहिए।