प्रमुख संवाददाता, पटपड़गंज
ईस्ट एमसीडी के सभी 232 निगम स्कूलों में वॉटर प्यूरीफायर लगाए जाने हैं। गुरुवार को टेंडर डालने का आखिरी दिन था। एजुकेशन कमिटी के चेयरमैन राजकुमार बल्लन ने टेंडर के नियम और शर्तों में काफी सारी खामियां उजागर की हैं। उनका कहा है कि वॉटर प्यूरीफायर लगाने वाली कुछ कंपनियों के नाम भी लिख दिए गए थे कि इनके स्तर के आरओ होने चाहिए। जबकि जिन कंपनियों के नाम लिखे गए हैं उनमें कुछ तो ब्रांडेड हैं और कुछ ब्रांडेड नहीं हैं। खामियों के बारे में पता चलने के बाद उन्होंने आपत्ति दर्ज करने के साथ साथ ईस्ट एमसीडी की कमिश्नर और मेयर अंजू को लेटर लिखकर टेंडर की खामियों को दूर करने के लिए कहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए टेंडर की आखिरी तारीख बढ़ाकर 28 नवंबर कर दी गई।
कमिश्नर को लिखे गए लेटर में यह साफ किया गया है कि टेंडर में कई कंपनियों के नाम दिए गए हैं। जोकि नियमों के अनुसार गलत हैं। इससे पारदर्शिता का अभाव होता है। वहीं कई बड़ी कंपनियों के नाम नहीं दिए गए हैं, जिससे आगे चलकर आरोप लगेंगे। क्योंकि पहले भी कंपनियों के नाम देने की वजह से सीसीटीवी के टेंडर निरस्त हुए थे। बल्लन का कहना है कि आरओ में चार मैमरीन लगाने का जिक्र है, लेकिन 80 लीटर वाले आरओ के लिए चार मैमरीन काफी नहीं है। मैमरीन खारे पानी को सॉफ्ट करती है। मैमरीन किस क्वॉलिटी की होगी इसका जिक्र नहीं है। इसके अलावा 700 वाट की मोटर किस तरीके की होगी, कितनी मोटर लगेगी कोई जानकारी नहीं है। आरओ को इंस्टॉल करने और उसके सालाना रखरखाव की जिम्मेदारी किसकी होगी, इस बारे में भी कुछ नहीं कहा गया है। इसमें ओवरफ्लो रोकने के लिए ऑटो कट का सिस्टम नहीं है। बल्लन ने कहा कि जो आरओ लगने हैं, उससे बच्चों को फायदा मिलना चाहिए, न कि सिर्फ नाम के लिए आरओ लगा दिए जाएं। मेयर अंजू का भी कहना है कि स्कूलों में बेहतर आरओ लगने चाहिए, जिससे कि ये लंबे समय तक चलें।