नई दिल्ली
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट के समीप अमेरिकी मरीन कमांडो पर फिदायीन हमला हुआ था। इस्लामिक स्टेट खुरासान (Islamic State Khorasan) ने दावा किया है कि पिछले महीने काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला आत्मघाती हमलावर पांच साल पहले दिल्ली में पकड़ा गया था। आतंकी संगठन ने अपनी प्रचार मैगजीन में दावा किया कि भारत की एक जेल में सजा काटने के बाद, उसे अफगानिस्तान वापस भेज दिया गया था।
180 से ज्यादा लोग मारे गए थे, 13 अमेरिकी सैनिकों की भी हुई थी मौत
आईएस-के ने इस साल 26 अगस्त को काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर आत्मघाती हमला किया था। काबुल हवाईअड्डे पर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हुए इस हमले में 180 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल थे।
'कश्मीर का बदला लेने के लिए, हमला करने गया था दिल्ली'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी संगठन ने दावा किया कि अब्दुर रहमान अल-लोगरी नाम का आत्मघाती हमलावर भारत में 'कश्मीर का बदला लेने के लिए' हमला करने के लिए दिल्ली गया था।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट के समीप अमेरिकी मरीन कमांडो पर फिदायीन हमला हुआ था। इस्लामिक स्टेट खुरासान (Islamic State Khorasan) ने दावा किया है कि पिछले महीने काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला आत्मघाती हमलावर पांच साल पहले दिल्ली में पकड़ा गया था। आतंकी संगठन ने अपनी प्रचार मैगजीन में दावा किया कि भारत की एक जेल में सजा काटने के बाद, उसे अफगानिस्तान वापस भेज दिया गया था।
180 से ज्यादा लोग मारे गए थे, 13 अमेरिकी सैनिकों की भी हुई थी मौत
आईएस-के ने इस साल 26 अगस्त को काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर आत्मघाती हमला किया था। काबुल हवाईअड्डे पर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हुए इस हमले में 180 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल थे।
'कश्मीर का बदला लेने के लिए, हमला करने गया था दिल्ली'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी संगठन ने दावा किया कि अब्दुर रहमान अल-लोगरी नाम का आत्मघाती हमलावर भारत में 'कश्मीर का बदला लेने के लिए' हमला करने के लिए दिल्ली गया था।