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Baba Ka Dhaba के मालिक ने गौरव से हाथ जोड़ मांगी माफी, ब्‍लॉगर ने कहा- 'All Is Well'

इस कहानी में कई उतार-चढ़ाव आए। आख‍िरकार इसका सुखद अंत हुआ। यह भी साफ हो गया कि गौरव पर लगे आरोप गलत और बेबुनियाद थे।

नवभारतटाइम्स.कॉम 14 Jun 2021, 8:45 pm
नई दिल्‍ली
नवभारतटाइम्स.कॉम dhaba

'बाबा का ढाबा' हाल के कुछ समय में कई बार चर्चा में आया। पहले इसे चलाने वाले बुजुर्ग दंपति की जर्जर आर्थिक स्थिति और रातोंरात इनके दौलतमंद हो जाने के कारण। फिर विवाद और दोबारा उनके उसी हाल में पहुंच जाने के कारण। इसकी कहानी में कई उतार-चढ़ाव आए। आखिरकार इसका सुखद अंत हुआ है। छोटे से फूड स्‍टॉल 'बाबा का ढाबा' को रातोंरात हिट करा देने वाले फूड ब्लॉगर गौरव वासन ने बुजुर्ग दंपति के साथ खुशनुमा तस्वीर साझा की है। इस दंपति ने गौरव पर उनकी मदद के लिए लोगों से आए पैसे की हेराफेरी का आरोप लगाया था।

वासन ने ट्वीट किया, 'अंत भला तो सब भला। गलती करने से बड़ा गलती माफ करने वाला होता है। (मेरे बाप ने हमेशा यही सीख दी है)।' गौरव ने अपने वीडियो में बुजुर्ग दंपति के संघर्ष की कहानी दिखाई थी। इसके चलते अचानक तेजी से 'बाबा का ढाबा' चल पड़ा। उन्‍हें लोगों से डोनेशन भी मिला।


ढाबा के मालिक कांता प्रसाद के माफी मांगने के बाद वासन ने यह तस्‍वीर साझा की है। एक दूसरे फूड ब्‍लॉगर ने हाथ जोड़ते हुए प्रसाद को माफी मांगते दिखाया था। इसमें उन्‍हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि गौरव ठग नहीं है। हमने उसे कभी चोर नहीं कहा।


क्‍या है कहानी?
एक वीडियो के बाद सैकड़ों की तादाद में लोग दक्षिण दिल्‍ली में स्थित 'बाबा का ढाबा' पर पहुंच थे। यह वीडियो बनाने वाले कोई और नहीं बल्कि गौरव वासन थे। इसमें वासन ने दिखाया था कि कोरोना के कारण कांता का कारोबार चौपट हो गया है। यह वीडियो वायरल हो गया था। कांता को देशभर से लोगों ने आर्थिक मदद भी भेजी।

हेराफेरी का लगा आरोप
हालांकि, मानवता में की गई मदद का ब्‍लॉगर को विवाद के रूप में फल मिला। हुआ यह कि कांता ने गौरव पर रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा दिया। गौरव ने इन आरोपों को खारिज किया था। अपने बचाव में उन्‍होंने बैंक स्‍टेटमेंट तक सार्वजनिक किए थे।

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कैसे बदले हालात?
पैसा आ जाने के बाद 80 साल के कांता ने एक रेस्‍तरां खरीदा था। उन्‍होंने इसे मालवीय नगर की उसी लोकैलिटी में खरीदा था जहां उनकी दुकान थी। यह दुकान वह 30 साल से चला रहे थे। हालांकि, नियति को कुछ और ही मंजूर था। कांता का नया वेंचर फेल हो गया और दोबारा वह अपने फूड स्‍टॉल पर पहुंच गए।

कांता ने बताया था कि 1 लाख रुपये के निवेश पर वह सिर्फ 35 हजार रुपये कमा रहे थे। यही कारण था कि उन्‍होंने वेंचर बंद कर दिया। उन्‍होंने पुराने स्‍टॉल को चलाने में ही खुशी जाहिर की थी। साथ ही यह भी कहा था कि अपने मरने तक वह अब इसी ढाबे को चलाएंगे।

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