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क्या दिल्ली के स्कूलों में स्टूडेंट्स के 'धार्मिक पोशाक' पहनने पर रोक है? शिक्षा अधिकारी ने दूर किया कंफ्यूजन

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने स्कूलों में विद्यार्थियों को धार्मिक पोशाक पहनने की अनुमति नहीं देने के बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया है। हमें अभी तक शिक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा धार्मिक पोशाक में विद्यार्थियों को अनुमति नहीं देने के बारे में कोई पत्र नहीं मिला है।’’

Edited byअशोक उपाध्याय | भाषा 26 Feb 2022, 11:11 pm
नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि उन्होंने स्कूलों में विद्यार्थियों को 'धार्मिक पोशाक' पहनने से रोकने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है। इससे पहले निगम की शिक्षा समिति की अध्यक्ष ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि स्कूलों में विद्यार्थी ‘धार्मिक पोशाक’ पहन कर नहीं आये। इसके एक दिन बाद एसडीएमसी का बयान आया है।
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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नगर निकाय के शिक्षा विभाग ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पत्र में जारी निर्देश किसी व्यक्ति के विचार हैं न कि विभाग के। अधिकारी ने कहा, ‘हमने स्कूलों में विद्यार्थियों को धार्मिक पोशाक पहनने की अनुमति नहीं देने के बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया है। हमें अभी तक शिक्षा समिति के अध्यक्ष द्वारा धार्मिक पोशाक में विद्यार्थियों को अनुमति नहीं देने के बारे में कोई पत्र नहीं मिला है।’

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एसडीएमसी की शिक्षा समिति की अध्यक्ष नितिका शर्मा ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी छात्र ‘धार्मिक पोशाक’ में स्कूलों में न आए। पत्र में शर्मा ने लिखा, ‘हाल ही में, यह देखा गया है कि कुछ माता-पिता अपने बच्चों को धार्मिक पोशाक में स्कूल भेज रहे हैं जो सही नहीं है। इससे छात्रों में असमानता की मानसिकता विकसित हो सकती है, जो उनके भविष्य के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।’

इसमें कहा गया है, ‘इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, सभी जोनल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए कि विद्यार्थी केवल स्कूल प्रतियोगिताओं और त्योहारों के दौरान ड्रेस के अलावा अन्य पोशाक पहन सकें। सामान्य दिनों में, छात्रों को स्कूल ड्रेस में उपस्थित होना चाहिए।’ एसडीएमसी के करीब 568 प्राथमिक स्कूल है जिनमें लगभग ढाई लाख विद्यार्थी हैं । इन स्कूलों में पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई होती है ।
लेखक के बारे में
अशोक उपाध्याय
"नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में सीनियर ड‍िज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड मैनेजमेंट, नोएडा से 2013 में पासआउट। पत्रकारिता में 10 साल का अनुभव है। साल 2013 में एनबीटी अखबार से पत्रकारिता के सफर की शुरुआत की थी। राजनीति, क्राइम समेत कई बीटों पर काम करने का अनुभव है। अमर उजाला देहरादून में भी सेंट्रल डेस्क पर काम किया। साल 2020 में डिजिटल मीडिया की दुनिया में कदम रखा। मीडिया के बदलते स्वरूप के साथ खुद को बदलने का प्रयास जारी है।"... और पढ़ें

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