विस, नई दिल्ली : दिल्ली में व्यापारिक संगठनों और राजनीतिक पार्टियों की तमाम कोशिशों के बावजूद सीलिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी के विरोध में मंगलवार को दिल्ली के सभी प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने व्यापार संसद बुलाई है, जिसमें सीलिंग को रुकवाने के लिए रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा।
ऑल दिल्ली ट्रेडर्स एंड वर्कर्स एसोसिएशन की तरफ से बुलाई गई इस व्यापार संसद में सभी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े व्यापारिक संगठनों के अलावा अन्य गैर राजनीतिक संगठन भी हिस्सा लेंगे। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित की जा रही इस व्यापार संसद को सीटीआई, कैट, बीयूवीएम, फेस्टा, एफटीए जैसे तमाम बड़े व्यापारिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। ऑल दिल्ली ट्रेडर्स एंड वर्कर असोसिएशन के संस्थापक विनोद पटेल का दावा है कि इस मंच के तहत दिल्ली के लगभग 10 लाख व्यापारी एकजुट होकर सीलिंग के विरोध में आवाज बुलंद करेंगे और यह पूरी तरह गैर राजनीतिक आंदोलन होगा। मंगलवार को होने वाली व्यापार संसद में एक हजार से ज्यादा छोटी बड़ी ट्रेडर्स असोसिएशंस के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को व्यापार संसद में जो रणनीति बनेगी, उसी के आधार पर यह तय किया जाएगा कि व्यापारियों को किस तरह सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखनी है या केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष मजबूत तरीके से अपना पक्ष रखना है। सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल का कहना है कि यह एक अच्छी पहल है और हमारा संगठन पूरी ताकत के साथ इस व्यापार संसद में शामिल होगा।