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Delhi Earthquake News: दिल्ली-एनसीआर में बार-बार क्यों आता है भूकंप, क्या किसी बड़े खतरे का इशारा?

दिल्ली -एनसीआर में एकबार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.7 रही। दिल्ली और आसपास के इलाकों में हर साल कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है आखिर ऐसा क्यों होता है और क्या यह किसी बड़ी खतरे का इशारा है?

Compiled byअनुराग कुमार | नवभारतटाइम्स.कॉम 5 Jul 2021, 11:56 pm

हाइलाइट्स

  • दिल्ली-एनसीआर में फिर आया भूकंप
  • रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई तीव्रता
  • भूकंप के दूसरे सबसे खतरे वाले जोन में आती है दिल्ली
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नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार देर रात एकबार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि इसकी रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता बेहद कम 3.7 मापी गई है। हरियाणा के झज्जर में इसका केंद्र रहा। हर साल दिल्ली-एनसीआर में कई बार भूकंप आता है। इस साल अकेले अप्रैल-मई में कम से कम 5 बार दिल्ली में झटके महसूस किए गए। अब ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर दिल्ली-एनसीआर में अकसर भूकंप की वजह क्या है?
...तो इस वजह आता है भूकंप
दरअसल पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं और ये प्लेस्ट लगातार घूमती रहती है। जिस जगह पर प्लेट्स टकराते हैं, उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। प्लेट्स के टकराव के कारण उसके कोने मुड़ने लगते हैं और कई बार ज्यादा दबाव की वजह से ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। इसके कारण पैदा हुई ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और फिर डिस्टर्बेंस की वजह से भूकंप आता है।

क्या बार-बार भूकंप बड़े खतरे का इशारा?

बार-बार महसूस हो रहे भूकंप के झटकों को लेकर एक्सपर्ट भी किसी बड़े खतरे की आशंका से इनकार नहीं करते हैं। लेकिन वहीं, कुछ एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा हिमालय रीजन की बेल्ट से है। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (एनसीएस) के अनुसार दिल्ली में बड़े भूकंप की आशंका कम है, लेकिन इससे पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा इस समय हिमालय रीजन की बेल्ट से है।

हालांकि भूकंप को लेकर हुई कुछ स्टडी में यह दावा किया गया है कि इस तरह के छोटे भूकंप के झटके बड़े भूकंप की आहट होते हैं। यूएस के लॉस अलामॉस नैशनल लेबोरेट्री (los alamos) की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल केलिफॉर्निया में 4.0 तीव्रता के झटकों से पहले इसी तरह के कुछ हल्के झटके महसूस किए गए थे। साउथ केलिफॉर्निया में 2008 और 2017 में 4.0 तीव्रता से अधिक के झटके महसूस किए गए। इनमें से 72 प्रतिशत बार इन भूकंप से पहले हल्के झटके महसूस किए गए थे।

रात में सोने से पहले दिल्‍ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, तीव्रता 3.7

4 हिस्सों में बंटा है भारत का भूकंप जोन
भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे भारत को चार भूकंपीय जोनों में बांटा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। जानिए भारत का कौन सा क्षेत्र किस जोन में स्थित है।

जोन 5
जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

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जोन-4
जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, सिंधु-गंगा थाला, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है।

जोन-3
जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।

जोन-2
जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसे सबसे कम तबाही के खतरे वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। जोन-2 में देश का बाकी हिस्से शामिल हैं।
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अनुराग कुमार

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