नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में आबकारी नीति और शराब को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। सरकार ने कोर्ट को बताया कि आबकारी नीति 2021-22 के तहत अभी तक शराब के 200 ब्रांड ने पंजीकरण कराया है और उनके लिए 184 रुपये एमआरपी तय की गई है। शराब के कई खुदरा विक्रेताओं की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति रेखा पल्ली को AAP सरकार ने बताया कि नई आबकारी नीति के तहत 192 ब्रांड अपना पंजीकरण शुल्क दे चुके हैं। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं अभिषेक मनु सिंघवी और राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि बाकी आठ में से तीन ने नाम वापस ले लिया है और पांच की प्रक्रिया चल रही है।
अदालत ने निर्देश दिया कि इस संबंध में दिल्ली सरकार स्थिति रिपोर्ट सौंपे। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की है।
निजी हाथों में होगा शराब की खुदरा दुकानों का संचालन
उधर, नई आबकारी नीति के तहत बुधवार सुबह से शहर में शराब की खुदरा दुकानों का संचालन निजी हाथों में होगा। विभाग के सूत्रों ने आशंका जताई है कि शहर में शराब की सरकारी खुदरा दुकानें बंद होने के कारण दिल्ली में शराब की कमी हो सकती है क्योंकि सभी 850 निजी दुकानें बुधवार से काम करना शुरू कर देंगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।
उन्होंने बताया कि सभी 32 जोन के आवेदकों को लाइसेंस दिया जा चुका है, लेकिन नयी आबकारी नीति के तहत पहले दिन से करीब 300-350 दुकानों के काम करने की संभावना है।
दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में आबकारी नीति और शराब को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। सरकार ने कोर्ट को बताया कि आबकारी नीति 2021-22 के तहत अभी तक शराब के 200 ब्रांड ने पंजीकरण कराया है और उनके लिए 184 रुपये एमआरपी तय की गई है। शराब के कई खुदरा विक्रेताओं की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति रेखा पल्ली को AAP सरकार ने बताया कि नई आबकारी नीति के तहत 192 ब्रांड अपना पंजीकरण शुल्क दे चुके हैं।
अदालत ने निर्देश दिया कि इस संबंध में दिल्ली सरकार स्थिति रिपोर्ट सौंपे। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख तय की है।
निजी हाथों में होगा शराब की खुदरा दुकानों का संचालन
उधर, नई आबकारी नीति के तहत बुधवार सुबह से शहर में शराब की खुदरा दुकानों का संचालन निजी हाथों में होगा। विभाग के सूत्रों ने आशंका जताई है कि शहर में शराब की सरकारी खुदरा दुकानें बंद होने के कारण दिल्ली में शराब की कमी हो सकती है क्योंकि सभी 850 निजी दुकानें बुधवार से काम करना शुरू कर देंगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।
उन्होंने बताया कि सभी 32 जोन के आवेदकों को लाइसेंस दिया जा चुका है, लेकिन नयी आबकारी नीति के तहत पहले दिन से करीब 300-350 दुकानों के काम करने की संभावना है।