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दिल्ली में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ्तार, हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र आया आगे

Delhi Covid Cases Increasing Again: केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला सोमवार को दिल्ली में कोरोना वायरस स्थिति की समीक्षा करेंगे। दिल्ली में कोरोना के नए मामले रोज बढ़ रहे हैं।

भाषा 31 Oct 2020, 8:17 pm
नई दिल्ली
दिल्ली में एक बार फिर कोरोना का कहर बढ़ने लगा है। दिल्ली में अब एक दिन में 5 हजार से ज्यादा नए कोरोना पेशंट्स सामने आ रहे हैं। कोरोना से बिगड़ते हालात को संभालने के लिए एक बार फिर केंद्र ऐक्टिव हो गया है। केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला सोमवार को दिल्ली में कोरोना वायरस स्थिति की समीक्षा करने जा रहे हैं। इससे पहले जून में जब दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा होने लगा था, तब खुद गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सरकार के साथ मिलकर मोर्चा संभाला था।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय गृह सचिव क्रमवार आधार पर सभी केन्द्रशासित प्रदेशों की नियमित समीक्षा के तहत सोमवार को दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करेंगे। दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच यह बैठक होगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारी बैठक में भाग लेंगे।

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दिल्ली में बन रहे हैं एक बाद एक रेकॉर्ड
दिल्ली में कोरोना का संक्रमण इस कदर फैला है कि पहले अब तक कभी इतना नहीं फैला था। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन नए केस का रेकॉर्ड टूटा है। इस हफ्ते बुधवार को पहली बार दिल्ली में नए मामलों का आंकड़ा 5 हजार के पार पहुंचा था जब 5,673 नए केस सामने आए। उसके अगले दिन ही यह रेकॉर्ड टूट गया। गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमण के 5,739 नए मामले सामने आए। शुक्रवार को यह रेकॉर्ड भी ध्वस्त हो गया जब 5,891 नए केस सामने आए।

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जानें क्या है वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में बड़ी संख्या में अप्रामाणिक रैपिड एंटीजन जांच होने की वजह से ऐसे समय में कोविड-19 के मामलों में इजाफा होने की आशंका है, जब प्रदूषण बढ़ रहा है तथा त्योहारों के मौसम में बाजारों में भीड़ है। वहीं, विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने से बड़ी संख्या में संक्रमण के मामलों का पता लगाने में भी मदद मिली है, वरना उनका पता ही नहीं चल पाता।

-फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज की डॉ रिचा सरीन के मुताबिक, ‘अगर आरटी-पीसीआर जांच और बढ़ाई जाए, तो यह संख्या और भी भयावह होगी। मैं समझती हूं कि लोग खासतौर पर युवा घरों में बैठे-बैठे मानसिक रूप से थक गये हैं और लोगों से मिलना-जुलना चाहते हैं। लेकिन अधिक जिम्मेदार नागरिक होने के बजाय उन्होंने सारी सावधानियों और एहतियात को तिलांजलि दे दी हैं।’

-जानेमाने फेफड़ा रोग विशेषज्ञ अरविंद कुमार ने कहा कि रैपिड एंटीजन जांच में सिर्फ 50 प्रतिशत जांच की रिपोर्ट ही सही आती है। उन्होंने कहा, ‘रैपिड एंटीजन जांच का खतरा यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति जिसे संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, लेकिन वह संक्रमित है और जांच में उसके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई है तो उसे सही जानकारी नहीं मिल पाएगी और वह लोगों के बीच जाकर उन्हें भी संक्रमित कर सकता है।’

- सर गंगाराम अस्पताल में सेवाएं दे रहे डॉ कुमार के अनुसार दिल्ली में अचानक से संक्रमण के मामलों में वृद्धि के कारणों में प्रदूषण, त्योहारों की वजह से सार्वजनिक स्थानों पर अधिक भीड़ और बाजारों, रेस्तरांओं तथा अन्य स्थानों पर लोगों का लापरवाह रवैया प्रमुख हैं।

-अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक सुरनजीत चटर्जी ने कहा, ‘प्रदूषण, त्योहारों का मौसम और लोगों, खासकर युवाओं द्वारा दिशानिर्देशों का पालन करने में लापरवाही बरतना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।’

कोरोना की जांच में भी हुआ इजाफा

दिल्ली सरकार ने अपनी दैनिक औसत जांच क्षमता को काफी बढ़ा दिया है और अगस्त में जहां रोजाना 18,000 जांच होती थीं, वहीं अक्टूबर में अब करीब 56,000 जांच की जा रही हैं। लेकिन इनमें से आरटी-पीसीआर जांच केवल करीब 28 प्रतिशत हैं।

इन राज्यों में बढ़ रहे हैं केस
देश के पांच राज्यों- केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और कर्नाटक में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने इन पांच राज्यों में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों पर चिंता जताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन राज्यों में पॉजिटिव मामलों की संख्या पहले से ही ज्यादा थी और अब त्योहार के सीजन में और भी वृद्धि देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

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