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छोटा राजन के चलते तिहाड़ में नहीं लगेगा 'कर्फ्यू', विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी पेशी

तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की वजह से अब कोर्ट की सुनवाई के दौरान तिहाड़ में कर्फ्यू जैसे हालात नहीं पैदा होंगे। जेल में उसके बगल वाली सेल में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम लगा दिया है।

मनीष अग्रवाल | नवभारत टाइम्स 5 Apr 2017, 3:53 am

नई दिल्ली

नवभारतटाइम्स.कॉम video conferencing facilities for chhota rajan
छोटा राजन के चलते तिहाड़ में नहीं लगेगा 'कर्फ्यू', विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी पेशी

तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की वजह से अब कोर्ट की सुनवाई के दौरान तिहाड़ में कर्फ्यू जैसे हालात पैदा नहीं होंगे। इसके लिए जेल प्रशासन ने उसी की सेल के बराबर वाले सेल में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम लगा दिया है।

जिससे उसकी जब भी कोर्ट में सुनवाई होती है, तब-तब वह अपने बराबर वाली सेल में जाकर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जाकर कोर्ट में पेश हो सकेगा। इससे पहले तक राजन की जब भी कोर्ट में पेशी होती थी, तब उसे जेल के बीच स्थित डेप्युटी सुपरिटेंडेंट के ऑफिस (चक्कर) में ले जाकर विडियो कॉन्फ्रेंस करानी पड़ती थी।

सूत्रों ने बताया कि इस दौरान पूरी जेल को बंद कर दिया जाता था। यानी जेल नंबर-2 के अन्य कैदियों को उन्हीं के वॉर्ड और सेल के अंदर उस वक्त तक के लिए बंद रखा जाता था, जब तक छोटा राजन की विडियो कॉन्फ्रेंसिंग पूरी नहीं हो जाती थी और वह अपने हाई सिक्यॉरिटी सेल में नहीं चला जाता था।

इस दौरान इस जेल नंबर-2 में एक तरह से कर्फ्यू जैसे हालात रखे जाते थे। कई बार इस बात का दूसरे कैदी विरोध करते थे। दूसरे, छोटा राजन को हाई सिक्यॉरिटी सेल से ले जाने और फिर उसे उसके सेल तक पहुंचाने में सुरक्षा एजेंसी खतरा भी मानती थी।

इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए राजन के ही सेल के करीब विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा देने का निर्णय लिया गया, ताकि न तो अन्य कैदियों को कोई परेशानी हो और अंडरवर्ल्ड डॉन की सुरक्षा भी किसी तरह से खतरे में ना पड़ने पाए।

सूत्रों ने बताया कि डॉन जेल में एकदम शांत रहता है। खाने-पीने में उसकी कभी कोई विशेष फरमाइश नहीं होती। वह सादा खाना खाता है। उस पर कोई अन्य कैदी हमला ना कर दे, इस बात के खास ध्यान रखे जाते हैं। बताया जाता है कि बीच-बीच में यहां सुरक्षा का जायजा लेने के लिए आईबी के अधिकारी भी आते-जाते रहते हैं।

लेखक के बारे में
मनीष अग्रवाल
मनीष अग्रवाल, नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट एडिटर हैं। वह केंद्रीय गृह मंत्रालय, रेलवे और एविएशन मिनिस्ट्री के अलावा केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पैरामिलिट्री फोर्स, सीबीआई, एनआईए, ईडी और भारतीय चुनाव आयोग भी कवर करते हैं। इससे पहले वह क्राइम, कस्टम और तिहाड़ जेल कवर करते थे। वह एनबीटी में 20 साल से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।... और पढ़ें

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