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जब कड़कड़डूमा कोर्ट में जज के सामने चलीं थीं गोलियां, तिहाड़ जेल में बैठकर लिखी गई थी स्क्रिप्ट

कड़कड़डूमा कोर्ट में 2015 को इसी तरह जज के सामने पेशी के लिए लाए गए गैंगस्टर मोहम्मद इरफान उर्फ छेनू पहलवान पर फायरिंग की गई थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस कांड की साजिश को तिहाड़ से रची गई थी।

Reported byशंकर सिंह | नवभारत टाइम्स 26 Sep 2021, 3:00 am
नई दिल्ली
रोहिणी कोर्ट से पहले कड़कड़डूमा कोर्ट में 2015 को इसी तरह जज के सामने पेशी के लिए लाए गए गैंगस्टर मोहम्मद इरफान उर्फ छेनू पहलवान पर फायरिंग की गई थी। इस वारदात को भी कोर्ट रूम में जज के सामने ही अंजाम दिया गया था। हालंकि छेनू तो इस हमले में जख्मी होने के बावजूद बच गया था। लेकिन दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल की मौत हो गई थी। पुलिस का दावा था कि यह हमला छेनू के विरोधी गैंग के सरगना गैंगस्टर अब्दुल नासिर ने करवाया था।

यह वाकया 23 दिसंबर 2015 का है। सुबह करीब 11:00 बजे गैंगस्टर छेनू को कोर्ट रूम नंबर 73 में मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट सुनील गुप्ता पेश किया गया था। इसी दौरान चार नाबालिगों ने छेनू पर निशाना साधते हुए फायरिंग कर दी। इसमें छेनू और उसे पेश करने लाए थर्ड बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल रामकुमार जख्मी हो गए।


छेनू तो इलाज के बाद ठीक हो गया, लेकिन पुलिसकर्मी की उसी दिन मौत हो गई। चारों नाबालिगों को भागते हुए हथियार समेत दबोच लिया गया। दिल्ली में किसी कोर्ट में रूम फायरिंग यह पहली वारदात थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस कांड की साजिश को तिहाड़ से रची गई थी।

रोहिणी कोर्ट में हमले का ग्राफिक


यमुनापार के गैंगस्टर अब्दुल नासिर उर्फ खैबर हयात ने उस समय अपने साथ जेल में अपने साथ बंद साउथ दिल्ली के गैंगस्टर शक्ति नायडू से मदद मांगी थी। नायडू ने अपने साथ ही जेल में बंद साउथ दिल्ली के अपने शार्प शूटर शाहरुख को यह काम सौंपा।

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शाहरूख ने अपने छोटे भाई साहिल उर्फ इब्राहिम शेख और अपने राइट हैंड गोविंद सिंह थापा उर्फ डैनी समेत चार नाबालिगों को यह काम सौंपा था। पुलिस का दावा था कि नासिर गैंग के मोहम्मद अजीम अहमद ने इन चारों को यूपी में गोली चलाने की ट्रेनिंग दी थी। इसके बाद 23 दिसंबर 205 को चारों को हथियार सौंपकर कड़कड़डूमा कोर्ट लेकर आया था।
लेखक के बारे में
शंकर सिंह
बीते 22 साल से पत्रकारिता में। पंजाब केसरी, दैनिक जागरण, अमर उजाला, जनसत्ता के बाद अब एनबीटी में सहायक संपादक। लोकल रिपोर्टिंग से शुरू हुआ सफर, जो एक दशक से ज्यादा वक्त खेल पत्रकारिता में बीता। राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी खूब लिखा। अब कर रहे हैं क्राइम से दो-दो हाथ।... और पढ़ें

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