विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में हुई गड़बड़ियों पर बेहद कड़ा रूख अपनाते हुए दिल्ली सरकार ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के तीन मोटर लाइसेंसिंग अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। एनआईसी के सॉफ्टवेयर सारथी में भी छेड़छाड़ की संभावना जताते हुए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एनआईसी के डायरेक्टर जनरल को लेटर लिखा है और विजिलेंस जांच की अपील की है। तीन एमएलओ को सस्पेंड करने के साथ-साथ डिपार्टमेंट ने कई एमएलओ को ट्रांसफर भी कर दिया है और कहा है कि किसी भी अथॉरिटी में अगर कोई स्टाफ दो साल से अधिक समय से है तो उनको ट्रांसफर किया जाएगा।
स्पेशल कमिश्नर (ट्रांसपोर्ट) के.के दहिया ने बताया कि नई दिल्ली, वसंत विहार और सूरजमल विहार के एमएलओ को सस्पेंड किया गया है। इन अथॉरिटी में लाइसेंस जारी करने में कई तरह की अनियमितताएं देखने को आई थीं। बिना विडियोग्राफी के लाइसेंस जारी किए जा रहे थे, जबकि नियम है कि हर ड्राइविंग टेस्ट की विडियोग्राफी होगी। स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि बीते शनिवार को वे खुद इन अथॉरिटी में चेकिंग के लिए गए थे और जांच में कई तरह की अनियमितता पाई गई, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है।
दरअसल कुछ दिन पहले सीबीआई ने एक दलाल को पकड़ा था, जिसने दावा किया था कि वह 37000 रुपये में लाइसेंस बनवा सकता है। इसके बाद डिपार्टमेंट में मीटिंग हुई कि आखिर जब सारा सिस्टम ऑनलाइन है तो कोई नियमों के खिलाफ जाकर कैसे लाइसेंस बनवा सकता है। सभी अथॉरिटी का डेटा देखा कि कितने लाइसेंस बन रहे हैं। फिर पाया गया कि कोरोना के दौरान तीन जगह पर बहुत ज्यादा लाइसेंस बन रहे हैं। जांच में सामने आया कि इन तीनों जगहों पर पिछले एक महीने में ज्यादातर केसों में विडियोग्राफी नहीं हो रही है। विडियोग्राफी के बगैर लाइसेंस इशू नहीं हो सकते लेकिन ऐसा किया जा रहा था।
इसके अलावा दूसरे जोन के बहुत सारे लाइसेंस बनाए गए। पिन कोड बदलकर कैसे दूसरे जोन में लाइसेंस बनाए गए। स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि एनआईसी के सारथी साफ्टवेयर में छेड़खानी कर पिन कोड बदलने का प्रावधान किया गया। पिनकोड को बायपास करके ऐप्लीकेशन भरने का प्रावधान किया गया। अब एनआईसी के डायरेक्टर जनरल को लेटर लिखा कि किसने साफ्टवेयर से छेड़खानी की है, इसकी विजिलेंस जांच हो।
रीटेस्ट के लिए भी बुलाया जाएगा
स्पेशल कमिश्नर केके दहिया ने कहा कि इस मामले की तह तक जाया जाएगा। जिन केसों में विडियोग्राफी नहीं हुई होगी, उनमें आवेदक को फिर से टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। इन तीनों अथॉरिटी में पिछले एक महीने में जिनके लाइसेंस बने हैं और विडियोग्राफी नहीं हुई है ,उनकी जांच कर रीटेस्ट का फैसला लिया जाएगा। अगर विडियोग्राफी सही नहीं की है तो भी रीटेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। तीनों अथारिटी में जांच की जाएगी, जांच में देखा जाएगा कि क्या एक आईपी से बहुत सारे आवेदन आए हैं एक ही आईपी से बीस ऐप्लीकेशन आई हैं तो गड़बड़ हो सकती है और इसकी जांच करेंगे। जिनका विडियोग्राफी टेस्ट नहीं हुआ है, वे जांच के दायरे में है, उनको दोबारा टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि अगर सारे ऑटोमेटिड ट्रैक बन जाएंगे तो ये समस्या दूर हो जाएगी। राजा गार्डन, लोनी और रोहिणी में नया ट्रैक जल्द शुरू हो जाएगा। लाडो सराय और द्वारका में दिसंबर तक ट्रैक शुरू हो जाएगा। हरी नगर में भी जल्द नया सिस्टम शुरू करने की तैयारी है।
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में हुई गड़बड़ियों पर बेहद कड़ा रूख अपनाते हुए दिल्ली सरकार ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के तीन मोटर लाइसेंसिंग अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। एनआईसी के सॉफ्टवेयर सारथी में भी छेड़छाड़ की संभावना जताते हुए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एनआईसी के डायरेक्टर जनरल को लेटर लिखा है और विजिलेंस जांच की अपील की है। तीन एमएलओ को सस्पेंड करने के साथ-साथ डिपार्टमेंट ने कई एमएलओ को ट्रांसफर भी कर दिया है और कहा है कि किसी भी अथॉरिटी में अगर कोई स्टाफ दो साल से अधिक समय से है तो उनको ट्रांसफर किया जाएगा।
स्पेशल कमिश्नर (ट्रांसपोर्ट) के.के दहिया ने बताया कि नई दिल्ली, वसंत विहार और सूरजमल विहार के एमएलओ को सस्पेंड किया गया है। इन अथॉरिटी में लाइसेंस जारी करने में कई तरह की अनियमितताएं देखने को आई थीं। बिना विडियोग्राफी के लाइसेंस जारी किए जा रहे थे, जबकि नियम है कि हर ड्राइविंग टेस्ट की विडियोग्राफी होगी। स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि बीते शनिवार को वे खुद इन अथॉरिटी में चेकिंग के लिए गए थे और जांच में कई तरह की अनियमितता पाई गई, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है।
दरअसल कुछ दिन पहले सीबीआई ने एक दलाल को पकड़ा था, जिसने दावा किया था कि वह 37000 रुपये में लाइसेंस बनवा सकता है। इसके बाद डिपार्टमेंट में मीटिंग हुई कि आखिर जब सारा सिस्टम ऑनलाइन है तो कोई नियमों के खिलाफ जाकर कैसे लाइसेंस बनवा सकता है। सभी अथॉरिटी का डेटा देखा कि कितने लाइसेंस बन रहे हैं। फिर पाया गया कि कोरोना के दौरान तीन जगह पर बहुत ज्यादा लाइसेंस बन रहे हैं। जांच में सामने आया कि इन तीनों जगहों पर पिछले एक महीने में ज्यादातर केसों में विडियोग्राफी नहीं हो रही है। विडियोग्राफी के बगैर लाइसेंस इशू नहीं हो सकते लेकिन ऐसा किया जा रहा था।
इसके अलावा दूसरे जोन के बहुत सारे लाइसेंस बनाए गए। पिन कोड बदलकर कैसे दूसरे जोन में लाइसेंस बनाए गए। स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि एनआईसी के सारथी साफ्टवेयर में छेड़खानी कर पिन कोड बदलने का प्रावधान किया गया। पिनकोड को बायपास करके ऐप्लीकेशन भरने का प्रावधान किया गया। अब एनआईसी के डायरेक्टर जनरल को लेटर लिखा कि किसने साफ्टवेयर से छेड़खानी की है, इसकी विजिलेंस जांच हो।
रीटेस्ट के लिए भी बुलाया जाएगा
स्पेशल कमिश्नर केके दहिया ने कहा कि इस मामले की तह तक जाया जाएगा। जिन केसों में विडियोग्राफी नहीं हुई होगी, उनमें आवेदक को फिर से टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। इन तीनों अथॉरिटी में पिछले एक महीने में जिनके लाइसेंस बने हैं और विडियोग्राफी नहीं हुई है ,उनकी जांच कर रीटेस्ट का फैसला लिया जाएगा। अगर विडियोग्राफी सही नहीं की है तो भी रीटेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। तीनों अथारिटी में जांच की जाएगी, जांच में देखा जाएगा कि क्या एक आईपी से बहुत सारे आवेदन आए हैं एक ही आईपी से बीस ऐप्लीकेशन आई हैं तो गड़बड़ हो सकती है और इसकी जांच करेंगे। जिनका विडियोग्राफी टेस्ट नहीं हुआ है, वे जांच के दायरे में है, उनको दोबारा टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। स्पेशल कमिश्नर ने कहा कि अगर सारे ऑटोमेटिड ट्रैक बन जाएंगे तो ये समस्या दूर हो जाएगी। राजा गार्डन, लोनी और रोहिणी में नया ट्रैक जल्द शुरू हो जाएगा। लाडो सराय और द्वारका में दिसंबर तक ट्रैक शुरू हो जाएगा। हरी नगर में भी जल्द नया सिस्टम शुरू करने की तैयारी है।