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AAP विधायक ने पुलिस पर लगाया आरोप, कहा- सफदरजंग अस्पताल में हाथरस गैंगरेप पीड़िता के शव के बारे में पूछने पर हुई पिटाई

Hathras Gangrape Case: 19 वर्षीय हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। गैंगरेप पीड़िता की मौत पर देशभर में आक्रोश मौजूद है। इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अजय दत्त ने दावा किया कि जब वह हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए सफदरजंग अस्पताल गए थे, तब उन्हें दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने थप्पड़ और लात मारी।

भाषा 30 Sep 2020, 6:32 pm
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम फाइल फोटो
फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की घटना के बाद आक्रोश है। बीती रात पुलिस ने जबरन पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया, जिसपर परिवारवालों और गांववालों ने गुस्सा जताया है। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अजय दत्त ने बुधवार को दावा किया कि जब वह हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिये यहां सफदरजंग अस्पताल गये थे, तब उन्हें दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने थप्पड़ और लात मारी। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस आरोप पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

दत्त ने कहा कि वह अस्पताल में थे और जब उन्होंने जानना चाहा कि पीडि़ता का शव कहां है, तो उन्हें एक कमरे में ले जा कर पीटा गया। दिल्ली के अंबेडकर नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक दत्त ने कहा कि वे मेरा कॉलर पकड़ कर मुझे एक कमरे में ले गये और वहां मुझे एसएचओ (थाना प्रभारी), एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) तथा डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) द्वारा थप्पड़ मारे गए और लातों से पीटा गया। यदि एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि से ऐसा सलूक किया गया तो फिर आम आदमी के बारे में सोचिये (कि उसके साथ क्या किया जाता होगा)। उन्होंने उनके साथ किए गए इस सलूक में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

यूपी सरकार ने किया एसआईटी का गठन
गौरतलब है कि 19 साल की दलित युवती के साथ 14 सितंबर को गैंगरेप हुआ था। लेकिन बीते दिन दिल्ली में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसी के बाद हाथरस पुलिस ने देर रात को आनन-फानन में युवती का अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार का आरोप है कि उन्हें बेटी का चेहरा देखने नहीं दिया गया और उनकी गैरमौजूदगी में जबरदस्ती ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मामले को लेकर देशभर में गुस्सा है, लगातार हो रही आलोचना के बीच यूपी सरकार ने अब एक एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी को सात दिन में पूरे केस की रिपोर्ट देनी होगी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है।

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