विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
बाहरी दिल्ली स्थित बवाना और नरेला इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्रियों को आज से सील किए जाने का एक्शन टल गया है। इस बाबत सरकार की ओर से आज सुबह ही संबंधित आला अधिकारी को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वह इस एक्शन को तीन माह के लिए स्थगित करे। शासन ने इन फैक्ट्रियों को फायर का एनओसी न होने के कारण सील करने का निर्णय लिया था।
मिली जानकारी के अनुसार इलाके के एसडीएम ने हाल ही में दोनों इंडस्ट्रियल एरिया के कारोबारी प्रतिनिधियों से बुलाकर उन्हें जानकारी दी थी कि नियम के अनुसार हर फैक्ट्री के पास फायर का एनओसी होना जरूरी है। अगर जिस किसी फैक्ट्री के पास यह एनओसी नहीं पाया जाएगा तो उसे सोमवार से तुरंत प्रभाव से सील कर दिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि इस मसले पर कारोबारियों ने एसडीएम को नियमों का हवाला दिया और बताया कि फायर एनओसी उन्हीं फैक्ट्रियों को लेना जरूरी है, जिनका क्षेत्रफल 250 वर्गमीटर से ऊपर हो। इसके अलावा जिस इंडस्ट्रियल एरिया में फायर स्टेशन स्थापित होगा, वहां फैक्ट्री मालिकों को एनओसी लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन एसडीएम ने उनके तर्कों पर कोई ध्यान नहीं दिया और मास्टर प्लान-2021 का हवाला देते हुए सोमवार से फैक्ट्रियों को सील करने के आदेश जारी कर दिए। इस आदेश के बाद बवाना की 16000 और नरेला की 3000 फैक्ट्रियों पर सीलिंग की तलवार लटक गई थी।
बताते हैं कि सोमवार से फैक्ट्री सील होने के आदेश के बाद व्यापारियों में दहशत फैल गई और उन्होंने आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग के पदाधिकारियों से मुलाकात कर अपना दुखड़ा सुनाया। जिसके बाद आज सुबह फैक्ट्री वाले उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन से मिले। इस मुलाकात में विंग के संयोजक बृजेश गोयल, फैक्ट्रियों के पदाधिकारी अशोक गोयल, बसंत सोमानी, भूपेंद्र सिंह, सतीश छावड़ा, रमन लांबा, अजय अग्रवाल आदि मौजूद थे। उद्योग मंत्री को भी नियमों का हवाला देते हुए बताया गया कि इनके आधार पर फैक्ट्रियों को सील नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनकी फैक्ट्रियां एनओसी के मानदंड में नहीं आती हैं। बृजेश के अनुसार विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि फिलहाल तीन माह तक फैक्ट्रियों को सील नहीं किया जाएगा, लेकिन इस दौरान दोनों इंडस्ट्रियल एरिया में कैंप लगाएं जाएंगे और कारोबारियों को आसानी से एनओसी लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा, साथ ही जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस बाबत सुबह ही इलाके के डीएम को आदेश जारी कर दिए गए हैं। फिलहाल सीलिंग का खतरा तीन माह के लिए टल गया है।