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'जहां मुस्लिम बहुमत में वहां हिंसा अधिक' बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिया विवादित बयान

1921 में मालाबार नरसंहार की 100 वीं बरसी पर आरएसएस की तरफ से दिल्ली के कनॉट प्लेस के चरखा म्यूजियम पार्क में प्रदर्शनी और श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी, कपिल मिश्रा के अलावा राज्यसभा सांसद और शिक्षा से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे भी मौजूद थे।

Edited byअनिल कुमार | नवभारतटाइम्स.कॉम 26 Sep 2021, 10:01 am

हाइलाइट्स

  • बीजेपी सांसद ने पाकिस्तान की पीएम इमरान खान पर साधा निशाना
  • बिधूड़ी बोले- देशविरोधी नारा लगाने वालों की रगों में बाबर का खून
  • 1921 के मालाबार नरसंहार को सिलेबस में शामिल करने की मांग

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नई दिल्ली
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने मुस्लिमों को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि जहां भी मुस्लिम अल्पसंख्यक होते हैं वहां मानवाधिकारों की बात की जाती है। वहीं, जहां ये बहुमत में आ जाते हैं वहां हिंसा और खूनखराबा शुरू हो जाता है। बीजेपी सांसद ने दिल्ली में आरएसएस के कार्यक्रम में यह बात कही। बिधूड़ी ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पर भी निशाना साधा।
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार बीजेपी सांसद ने कहा कि जहां भी मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक रहता है, वहां मानवाधिकारों की बात होती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करते हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 26% से घटकर 2.5% कैसे पहुंच गई।

देश विरोधी नारे लगाने वालों पर निशाना
बीजेपी सांसद ने देशविरोधी नारे लगाने वालों पर भी निशाना साधा। बिधूड़ी ने कहा कि जो लोग केरल और जेएनयू ने देश के टुकड़े-टुकड़े होने के नारे लगाते हैं उनकी रगों में भारत का खून नहीं दौड़ रहा है। ऐसे लोगों की रगों में बाबर और औरंगजेब का खून दौड़ता है। रमेश बिधूड़ी ने जामिया और शाहीन बाग का जिक्र करते हुए देश के खिलाफ नारे लगाने वालों को इसी मानसिकता का प्रतीक बताया।


मालाबार नरसंहार की घटना को सिलेबस में मिले जगह
इसी कार्यक्रम में बीजेपी के राज्यसभा सांसद और शिक्षा से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने कहा है कि 1921 में मालाबार में हुए नरसंहार की घटना को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए। विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि शिक्षा से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष होने के नाते वो पिछले कई महीनों से पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने का ही काम कर रहे हैं और उनका मानना है कि देश की नई पीढ़ी को मालाबार नरसंहार का सच जानना चाहिए। भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई जैसे भारत के महान सपूतों के बारे में पूरी जानकारी मिलनी चाहिए।

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हिंदुओं का नरसंहार करने वालों का महिमामंडन बंद हो
कार्यक्रम में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और आरएसएस के वरिष्ठ नेता और प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार ने मांग की कि 100 साल पहले हिंदुओं का नरसंहार करने वालों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बताकर भगत सिंह से तुलना कर महिमामंडित करने का प्रयास बंद किया जाए। साथ ही नरसंहार करने वाले लोगों के परिवारों को जो पेंशन दी जा रही है उसे बंद किया जाए। उन्होंने बताया कि इन मांगों के समर्थन में 26 सितंबर को दिल्ली में एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया है और इन मांगों के पूरा होने तक उनका यह अभियान जारी रहेगा।
(IANS इनपुट के साथ)
लेखक के बारे में
अनिल कुमार
अनिल पिछले एक दशक से अधिक समय से मीडिया इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। दैनिक जागरण चंडीगढ़ से 2009 में रिपोर्टिंग से शुरू हुआ सफर, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, जनसत्ता.कॉम होते हुए नवभारतटाइम्स.कॉम तक पहुंच चुका है। मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं लेकिन पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। स्पोर्ट्स और एजुकेशन रिपोर्टिंग के साथ ही सेंट्रल डेस्क पर भी काम करने का अनुभव है। राजनीति, खेल के साथ ही विदेश की खबरों में खास रुचि है।... और पढ़ें

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