रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली
दिल्ली सरकार के मंत्रियों की समस्याएं बढ़ने लगी हैं। चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश की पिटाई प्रकरण के बाद दिल्ली सचिवालय में अफसरों ने मंत्रियों से दूरी बढ़ा ली है। इसके चलते सरकार का कामकाज लगभग ठप हो गया है। संभावना है कि अफसरों के निशाने पर मंत्रियों के सलाहकार आ सकते हैं। अफसरों के साथ चल रही तनातनी के चलते सरकार को बजट बनाने और पेश करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अफसर यह भी निर्णय लेने जा रहे हैं कि मंत्रियों के साथ कोई भी बातचीत अब लिखित ही होगी।
दिल्ली सरकार के मुख्यालय दिल्ली सचिवालय का माहौल पहली बार जुदा-जुदा नजर आया। मंत्रियों के दफ्तरों के बाहर सन्नाटा तो था ही, साथ ही वहां से गुजर रहे अफसरों के चेहरों पर नाराजगी और तनाव भी देखा जा रहा था। सचिवालय में अधिकतर अधिकारी काम करने के बजाय आपस में बात करते नजर आए। उनकी बातचीत का लहजा सरकार विरोधी था। कल सचिवालय में लंच के दौरान 1:30 बजे आईएएस असोसिएशन के अलावा करीब सरकार के विभिन्न विभागों से जुड़ी असोसिएशनों ने सरकार के प्रति विरोध जताते हुए काली पट्टी बांधी और पांच मिनट का मौन धारण किया। होंगे। यह विरोध रोज चलेगा। आज भी सभी 22 असोसिएशन एक साथ फिर लंच में विरोध जताते हुए मौन धारण करेंगी। उनकी मांग है कि जब तक मुख्यमंत्री माफी नहीं मागेंगे, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। अफसरों के इस आंदोलन को दूसरे राज्यों के अफसरों की असोसिशनों का भी लगातार समर्थन मिल रहा है।
दूसरी ओर सरकार के मंत्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका कामकाज लगभग बंद पड़ा है। कल सचिवालय में सुबह कुछ देर के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपने ऑफिस में पहुंचे। दोपहर को दूसरे मंत्री इमरान हुसैन भी आए। शाम को तीसरे मंत्री कैलाश गहलौत भी वहां पहुंचे। मुख्यालय में न तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और न ही बाकी मंत्री। जो तीन मंत्री आए थे, वे भी थोड़ी दे बाद अपने ऑफिस में बैठकर चले गए। उसका कारण यह था कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने उनकी अगवानी नहीं की और न ही किसी फाइलिंग वर्क को लेकर उनसे मुलाकात की। मंत्रियों अपने सलाहकारों से कुछ देर तक बात की। सूत्र बताते हैं कि पार्टी वर्करों से सरकार के विभागों में सलाहकार बने ये लोग अफसरों और कर्मचारियों के टारगेट पर आ सकते हैं। अफसरों व कर्मचारियों एक बड़ा वर्ग इन सलाहकारों से लगातार परेशान है। सलाहकारों के साथ मारपीट की नौबत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
अगर सरकार और अफसरों के बीच बढ़ रहा टकराव जल्द कम न हुआ तो सरकार को एक भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उसका कारण यह है कि सरकार को अगले माह दिल्ली विधानसभा में नए वित्तीय वर्ष का बजट पेश करना है। सूत्र बताते हैं कि चीफ सेक्रेटरी मारपीट के चलते वित्त विभाग में बजट को लेकर तैयारी बंद हो गई है, साथ ही न कुछ काम हो रहा है। वित्त विभाग के एक आला अधिकारी ने माना कि बजट प्रक्रिया फिलहाल बंद है। हाल तक विभिन्न विभागों से जो वित्तीयं आंकड़ें मंगवाए जा रहे थे, अब उन्हें रोक दिया गया है। उनका यह भी कहना है सभी वर्ग के कर्मचारी सरकार से नाराज चल रहे हैं, इसलिए कोई सरकारी कामकाज होना असंभव लग रहा है। उन्होंने कहा कि जब रूटीन काम नहीं हो रहा है तो बजट का काम कैसे हो पाएगा।