नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ट्रायल कोर्ट के उस आदेश और कार्यवाही पर रोक लगा दी जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से दायर मानहानि शिकायत पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, पार्टी विधायक विजेंद्र गुप्ता और अन्य को तलब किया गया है। सीजेआई एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच तिवारी और गुप्ता की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
बीजेपी नेताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट के 17 दिसंबर के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें 28 नवंबर, 2019 को निचली अदालत की तरफ से पारित आदेश को बरकरार रखा था। ट्रायल कोर्ट ने समन जारी करने का आदेश दिया था। बेंच ने अपने आदेश में नोटिस जारी करने को कहा। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 28 नवंबर, 2019 के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से सांसद तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि शिकायत में लगाए गए आरोप भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि के अपराध के संबंध में बुनियादी आधार को पूरा नहीं करते हैं। इसी तरह बीजेपी विधायक गुप्ता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने समन आदेश में गलत तरीके से गौर किया कि उनके और अन्य लोगों के खिलाफ कथित मानहानि अपराध मामले को आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण के मुद्दे पर कथित रूप से मानहानि का आरोप लगाने के लिए बीजेपी के दो नेताओं और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सिसोदिया ने अपनी शिकायत में दावा किया कि बीजेपी नेताओं की तरफ से लगाए गए सभी आरोप गलत थे और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से आरोप लगाए गए थे। मानहानि मामले में दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों के प्रावधान हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ट्रायल कोर्ट के उस आदेश और कार्यवाही पर रोक लगा दी जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरफ से दायर मानहानि शिकायत पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, पार्टी विधायक विजेंद्र गुप्ता और अन्य को तलब किया गया है। सीजेआई एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच तिवारी और गुप्ता की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
बीजेपी नेताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट के 17 दिसंबर के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें 28 नवंबर, 2019 को निचली अदालत की तरफ से पारित आदेश को बरकरार रखा था। ट्रायल कोर्ट ने समन जारी करने का आदेश दिया था। बेंच ने अपने आदेश में नोटिस जारी करने को कहा। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 28 नवंबर, 2019 के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से सांसद तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि शिकायत में लगाए गए आरोप भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि के अपराध के संबंध में बुनियादी आधार को पूरा नहीं करते हैं। इसी तरह बीजेपी विधायक गुप्ता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने समन आदेश में गलत तरीके से गौर किया कि उनके और अन्य लोगों के खिलाफ कथित मानहानि अपराध मामले को आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण के मुद्दे पर कथित रूप से मानहानि का आरोप लगाने के लिए बीजेपी के दो नेताओं और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सिसोदिया ने अपनी शिकायत में दावा किया कि बीजेपी नेताओं की तरफ से लगाए गए सभी आरोप गलत थे और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से आरोप लगाए गए थे। मानहानि मामले में दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों के प्रावधान हैं।