लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जुलाई से सभी शहरी निकायों में 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है। शहीद पथ स्थित स्थानीय निकाय निदेशालय के नए भवन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने सोमवार को कहा कि सभी शहरी निकाय इसकी कार्ययोजना तैयार कर लें। पॉलिथिन पर प्रतिबंध तो सभी जगह होना चाहिए। फिलहाल इसकी शुरुआत शहरी निकायों से हो।
सीएम इसके पहले कई बार पॉलिथिन पर प्रतिबंध की बात कह चुके थे, लेकिन शहरी निकायों के पास इसकी रोकथाम के लिए नियम ही नहीं थे। हाल ही में यूपी कैबिनेट ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसके मुताबिक, 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इसी पॉलिसी के तहत शहरी निकायों से पॉलिथिन का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने को कहा है। कैबिनेट से पास की गई पॉलिसी के मुताबिक, नियम के उल्लंघन पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माने हो सकता है।
अखिलेश सरकार में लगा था प्रतिबंध
दिसम्बर 2015 में अखिलेश सरकार ने पॉलिथिन के कैरीबैग्स पर प्रतिबंध लगाया था। इसके लिए सरकार ने इन्वाइरनमेंट प्रटेक्शन ऐक्ट को भी मंजूरी दी थी। ऐक्ट में व्यवस्था थी कि अगर कोई प्रतिबंधित पॉलिथिन का इस्तेमाल करता पाया जाएगा तो उसे छह महीने की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
नहीं हो सका था लागू
ऐक्ट पर्यावरण विभाग ने बनाया था और इसे लागू करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दी गई थी। हालांकि ऐक्ट में प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 20 माइक्रॉन या उससे कम रखी गई थी, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 50 माइक्रॉन या उससे कम तय की है। इस विरोधाभास और ऐक्ट के क्रियान्वयन के लिए एक एजेंसी न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जुलाई से सभी शहरी निकायों में 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है। शहीद पथ स्थित स्थानीय निकाय निदेशालय के नए भवन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने सोमवार को कहा कि सभी शहरी निकाय इसकी कार्ययोजना तैयार कर लें। पॉलिथिन पर प्रतिबंध तो सभी जगह होना चाहिए। फिलहाल इसकी शुरुआत शहरी निकायों से हो।
सीएम इसके पहले कई बार पॉलिथिन पर प्रतिबंध की बात कह चुके थे, लेकिन शहरी निकायों के पास इसकी रोकथाम के लिए नियम ही नहीं थे। हाल ही में यूपी कैबिनेट ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसके मुताबिक, 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इसी पॉलिसी के तहत शहरी निकायों से पॉलिथिन का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने को कहा है। कैबिनेट से पास की गई पॉलिसी के मुताबिक, नियम के उल्लंघन पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माने हो सकता है।
अखिलेश सरकार में लगा था प्रतिबंध
दिसम्बर 2015 में अखिलेश सरकार ने पॉलिथिन के कैरीबैग्स पर प्रतिबंध लगाया था। इसके लिए सरकार ने इन्वाइरनमेंट प्रटेक्शन ऐक्ट को भी मंजूरी दी थी। ऐक्ट में व्यवस्था थी कि अगर कोई प्रतिबंधित पॉलिथिन का इस्तेमाल करता पाया जाएगा तो उसे छह महीने की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
नहीं हो सका था लागू
ऐक्ट पर्यावरण विभाग ने बनाया था और इसे लागू करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दी गई थी। हालांकि ऐक्ट में प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 20 माइक्रॉन या उससे कम रखी गई थी, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 50 माइक्रॉन या उससे कम तय की है। इस विरोधाभास और ऐक्ट के क्रियान्वयन के लिए एक एजेंसी न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था।