लखनऊ
पंजाब के एक वांछित अपराधी को कथित रूप से रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले की जांच में आरोपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अमिताभ यश को बेदाग पाया गया है। गृह विभाग के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि शाहजहांपुर से गिरफ्तार किये गये पंजाब के वांछित अपराधी गुरप्रीत ऊर्फ गोपी घनश्यामपुरिया को रिश्वत लेकर छोड़े जाने के आरोपों की अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनन्द कुमार द्वारा की गयी जांच में पाया गया है कि किसी भी अपराधी ने यश से कोई सम्पर्क नहीं किया था। जांच के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों के बयान दर्ज किये गये और पंजाब जाकर वहां अधिकारियों और सम्बद्ध अभियुक्तों से बातचीत भी की गयी और दस्तावेज देखे गये। जांच के दौरान किसी भी अपराधी या उसके सम्पर्क सूत्र का आईजी यश के साथ सम्पर्क होना नहीं पाया गया।
प्रवक्ता के मुताबिक जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति द्वारा स्वयं यश को रिश्वत देने की बात नहीं कही गयी है। पूरी जांच से पाया गया कि झूठी एवं भ्रामक कहानी बनाकर मीडिया में यह प्रचार कराया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इसका उद्देश्य एसटीएफ द्वारा संगठित अपराधी गुटों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान को बाधित कराना प्रतीत होता है। इस दुष्प्रचार के पीछे अगर किसी का नाम आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते यह आरोप लगाया गया था कि पंजाब के वांछित अपराधी गुरप्रीत ऊर्फ गोपी घनश्यामपुरिया को हाल में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया गया और महानिरीक्षक अमिताभ यश द्वारा 45 लाख रपये रिश्वत लेकर उसको छोड़ दिया गया।
पंजाब के एक वांछित अपराधी को कथित रूप से रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले की जांच में आरोपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अमिताभ यश को बेदाग पाया गया है। गृह विभाग के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि शाहजहांपुर से गिरफ्तार किये गये पंजाब के वांछित अपराधी गुरप्रीत ऊर्फ गोपी घनश्यामपुरिया को रिश्वत लेकर छोड़े जाने के आरोपों की अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनन्द कुमार द्वारा की गयी जांच में पाया गया है कि किसी भी अपराधी ने यश से कोई सम्पर्क नहीं किया था। जांच के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों के बयान दर्ज किये गये और पंजाब जाकर वहां अधिकारियों और सम्बद्ध अभियुक्तों से बातचीत भी की गयी और दस्तावेज देखे गये। जांच के दौरान किसी भी अपराधी या उसके सम्पर्क सूत्र का आईजी यश के साथ सम्पर्क होना नहीं पाया गया।
प्रवक्ता के मुताबिक जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति द्वारा स्वयं यश को रिश्वत देने की बात नहीं कही गयी है। पूरी जांच से पाया गया कि झूठी एवं भ्रामक कहानी बनाकर मीडिया में यह प्रचार कराया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इसका उद्देश्य एसटीएफ द्वारा संगठित अपराधी गुटों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान को बाधित कराना प्रतीत होता है। इस दुष्प्रचार के पीछे अगर किसी का नाम आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते यह आरोप लगाया गया था कि पंजाब के वांछित अपराधी गुरप्रीत ऊर्फ गोपी घनश्यामपुरिया को हाल में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया गया और महानिरीक्षक अमिताभ यश द्वारा 45 लाख रपये रिश्वत लेकर उसको छोड़ दिया गया।