योगेन्द्र अवस्थी, लखनऊ
धान खरीद के मद्देनजर खाद्य एवं रसद विभाग एक-एक पंजीकृत किसान के बैंक अकाउंट नंबर का सत्यापन करवा रहा है। ताकि बिचौलियों और फर्जी किसानों के रैकेट को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके। इसके अलावा इन किसानों को पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से भुगतान करने का फैसला लिया है। खाद्य एवं रसद आयुक्त ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पोर्टल पर वहीं किसान पंजीकरण करवा सकेंगे जिनका नाम खतौनी में दर्ज होगा। पश्चिमी यूपी में एक अक्टूबर से तो वहीं पूर्वी यूपी में एक नवंबर से 28 जनवरी तक धान खरीद होगी।
बैंक अकाउंट से पात्र किसानों का चलेगा पता, बिचौलियों की शामत
खाद्य एवं रसद आयुक्त के मुताबिक पिछले साल गेहूं खरीद के लिए 9 लाख 81 हजार 319 किसानों ने पंजीकरण करवाया था। इनमें से 7 लाख 53 हजार 414 किसानों ने गेहूं बेचा था और उन्हें आरटीजीएस के माध्यम से समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया। इस बार सभी बैंकों से एक-एक पंजीकृत किसानों का सत्यापन करवाया जा रहा है। इस मामले में अब तक 7 लाख 98 हजार 262 किसानों के बैंक अकाउंट सत्यापित करने में सफलता मिल चुकी है। अगले 15 दिनों के भीतर शत-प्रतिशत पंजीकृत किसानों के बैंक अकाउंट सत्यापित होने की पूरी उम्मीद है। खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल को भूलेख से लिंक होने से किसानों के रकबे की पूरी जानकारी विभाग के पास होगी। ऐसे में कोई भी जोत से ज्यादा धान की बिक्री करने में सफल नही होगा।
खतौनी में जिसका नाम उसी से होगी धान खरीद
आलोक कुमार ने बताया इस बार धान खरीद उसी किसान से होगी जिसका नाम खतौनी में दर्ज होने के साथ ही बैंक अकाउंट नंबर भी किसान के नाम से होगा। पिछली बार गेहूं और धान खरीद के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं थी। समीक्षा में पाया गया कि इन छोटी-छोटी वजहों से बिचौलिये अपनी जेबे भरने में कामयाब हुए थे। लेकिन इस बार इस ऐसा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था से फर्जी पंजीकरण पर रोक लगने के साथ ही बिचौलियों का रोल पूरी तरह से खत्म होगा। तो दूसरी तरफ पात्र किसानों को सरकारी योजना का तय समय पर लाभ मिलेगा। समर्थन मूल्य को पीएफएमएस के जरिए ट्रांसफर करने के लिए 72 घंटे के भीतर ट्रांसफर करने का समय रखा गया है, लेकिन किसानों को धान बिक्री करने के 48 घंटे के भीतर भुगतान होगा।
धान खरीद के मद्देनजर खाद्य एवं रसद विभाग एक-एक पंजीकृत किसान के बैंक अकाउंट नंबर का सत्यापन करवा रहा है। ताकि बिचौलियों और फर्जी किसानों के रैकेट को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके। इसके अलावा इन किसानों को पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से भुगतान करने का फैसला लिया है। खाद्य एवं रसद आयुक्त ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पोर्टल पर वहीं किसान पंजीकरण करवा सकेंगे जिनका नाम खतौनी में दर्ज होगा। पश्चिमी यूपी में एक अक्टूबर से तो वहीं पूर्वी यूपी में एक नवंबर से 28 जनवरी तक धान खरीद होगी।
बैंक अकाउंट से पात्र किसानों का चलेगा पता, बिचौलियों की शामत
खाद्य एवं रसद आयुक्त के मुताबिक पिछले साल गेहूं खरीद के लिए 9 लाख 81 हजार 319 किसानों ने पंजीकरण करवाया था। इनमें से 7 लाख 53 हजार 414 किसानों ने गेहूं बेचा था और उन्हें आरटीजीएस के माध्यम से समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया। इस बार सभी बैंकों से एक-एक पंजीकृत किसानों का सत्यापन करवाया जा रहा है। इस मामले में अब तक 7 लाख 98 हजार 262 किसानों के बैंक अकाउंट सत्यापित करने में सफलता मिल चुकी है। अगले 15 दिनों के भीतर शत-प्रतिशत पंजीकृत किसानों के बैंक अकाउंट सत्यापित होने की पूरी उम्मीद है। खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल को भूलेख से लिंक होने से किसानों के रकबे की पूरी जानकारी विभाग के पास होगी। ऐसे में कोई भी जोत से ज्यादा धान की बिक्री करने में सफल नही होगा।
खतौनी में जिसका नाम उसी से होगी धान खरीद
आलोक कुमार ने बताया इस बार धान खरीद उसी किसान से होगी जिसका नाम खतौनी में दर्ज होने के साथ ही बैंक अकाउंट नंबर भी किसान के नाम से होगा। पिछली बार गेहूं और धान खरीद के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं थी। समीक्षा में पाया गया कि इन छोटी-छोटी वजहों से बिचौलिये अपनी जेबे भरने में कामयाब हुए थे। लेकिन इस बार इस ऐसा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था से फर्जी पंजीकरण पर रोक लगने के साथ ही बिचौलियों का रोल पूरी तरह से खत्म होगा। तो दूसरी तरफ पात्र किसानों को सरकारी योजना का तय समय पर लाभ मिलेगा। समर्थन मूल्य को पीएफएमएस के जरिए ट्रांसफर करने के लिए 72 घंटे के भीतर ट्रांसफर करने का समय रखा गया है, लेकिन किसानों को धान बिक्री करने के 48 घंटे के भीतर भुगतान होगा।