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​साजिश और लापरवाही के ट्रैक पर दौड़ रही हैं ट्रेनें

यूपी में ट्रेनें साजिशों और लापरवाही के ट्रैक पर दौड़ रही हैं। बार-बार ट्रैक से छेड़छाड़ करके हादसों की...

नवभारत टाइम्स 16 Apr 2017, 4:10 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम trains are running on track of conspiracy and negligence
​साजिश और लापरवाही के ट्रैक पर दौड़ रही हैं ट्रेनें

यूपी में ट्रेनें साजिशों और लापरवाही के ट्रैक पर दौड़ रही हैं। बार-बार ट्रैक से छेड़छाड़ करके हादसों की साजिशें रची जा रही हैं। हर रोज लाखों-करोड़ों यात्रियों की जान से खिलवाड़ हो रहा है और जिम्मेदारों खासतौर से रेलवे विभाग ने आंखें मूंद रखी हैं।

जनवरी 2016 से अप्रैल 2017 के बीच प्रदेश में ट्रैक में गड़बड़ी के चलते 20 घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें से 18 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई हैं। बार-बार रेलवे ट्रैक काटे जा रहे हैं। ट्रैक पर पत्थर डाले जा रहे हैं। फिश प्लेट खोली जा रही हैं। लेकिन आरपीएफ, रेलवे महकमा, जीआरपी और यूपी पुलिस एक भी दोषी को ढूंढ नहीं पाईं हैं। चाहे वे रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ की साजिश रचने वाले हों या आपराधिक लापरवाही करने वाले रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी।

एक ही ट्रैक को तीन बार बनाया निशाना
वर्ष 2016 से 2017 के बीच एक ही ट्रैक को तीन बार निशाना बनाने की कोशिश की गई। लेकिन यहां हर बार हादसा होने से बचता रहा। यह ट्रैक है मिर्जापुर में जिगना रेलवे स्टेशन व गैपुरा के बीच जांसा बघौरा गांव का। यहां पर वर्ष 2016 में 11 अक्टूबर व 23 दिसंबर को और वर्ष 2017 में आठ जनवरी को रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर हादसा कराने की साजिश हुई। लेकिन तीनों बार साजिशकर्ता भी विफल रहे और उन्हें ढूंढ पाने में विन्ध्याचल पुलिस भी।

इसी तरह संभल के चंदौसी से जुड़े दो ट्रैक पर वर्ष 2017 में आठ और 14 फरवरी को दो बार रेलवे ट्रैक काटकर ट्रेन को ट्रैक से उतारने की साजिश हुई। पहली बार चंदौसी-बहजोई के बीच अजीमगंज गांव के पास ट्रैक को पांच एमएम काटा गया और जोगल प्लेट व बोल्ट को भी काटने का प्रयास हुआ। दूसरी बार चंदौसी-गुमथल के बीच ट्रैक को 30 एमएम की गहराई तक काटा गया। दोनों ही मामलों में संभल के बनियाठेर थाने में एफआईआर दर्ज है, लेकिन पुलिस दोषियों को आजतक नहीं तलाश पाई है।

इन मामलों की जांच के लिए एटीएस भी मौके पर गई थी। लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वर्ष 2016 में कौशाम्बी के रेलवे स्टेशन अथसराय कनवार में भी दो बार रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ कर हादसा कराने की साजिश हुई। पहली घटना में 15 फरवरी 2016 को अज्ञात लोगों ने रेलवे ट्रैक से 50 पेन्ड्रोल क्लिप निकाल लीं। हादसा टला। इस मामले में थाना सैनी में एफआईआर दर्ज हुई। दोषियों को ढूंढ़ पाने में नाकाम पुलिस ने इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी। दूसरी घटना छह मार्च 2016 को इसी रेलवे ट्रैक के नीचे जैक लगाकर हादसा कराने की साजिश हुई। इसमें भी पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

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