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Farmers Protest: यूपी में किसान आंदोलन में हिंसा का अंदेशा, खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट

उत्तर प्रदेश में किसानों के प्रदर्शन के हिंसक होने का अंदेशा जताया गया है। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों के दल में उपद्रवियों के शामिल होने की आशंका है, जिसके मद्देनजर सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 5 Dec 2020, 11:13 am
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश में कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के हिंसक होने की आशंका जताई गई है। राज्य की खुफिया एजेंसियों ने अधिकारियों को इस संबंध में इनपुट दिए हैं। बताया जा रहा है कि किसानों के दिल्ली में प्रवेश के दौरान संघर्ष की स्थिति आ सकती है। ऐसे में सुरक्षाबलों को इसे लेकर सतर्क कर दिया गया है। एनसीआर इलाके में और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पीएसी तैनात की गई है।

जोन और रेंज स्तर के पुलिस अधिकारियों के साथ ही पुलिस कप्तानों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। किसानों के प्रदर्शन में उपद्रवी शामिल न हों, इसके लिए खुफिया विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। विभाग के अधिकारी किसानों के बीच में रहकर गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे और बॉडी वार्मर से भी आंदोलन पर निगरानी रखी जा रही है।

सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई गई
बताया गया कि आईजी मेरठ जोन प्रवीण कुमार इन सबकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पुलिस के अलावा किसान आंदोलन के नेता भी लगातार किसानों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन की अपील कर रहे हैं। किसानों की भारी संख्या को देखते हुए सुरक्षाबलों की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है। एहतियातन आरआरएफ, पीएसी और कई थानों की फोर्स लगाई गई है। क्राइम ब्रांच, एसओजी और सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से तत्काल निपटा जा सके।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ किसान कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में पंजाब के किसान संगठन प्रमुख हैं। इसके अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत कई राज्यों के किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। खुफिया विभागों ने पूर्वांचल के किसानों के भी प्रदर्शन में शामिल होने का अंदेशा जताया है। प्रदर्शनकारी किसान लगातार दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश की सीमाओं पर तनाव जैसी स्थिति बनी है।

इस बीच किसान प्रदर्शनकारियों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत भी लगातार जारी है। पांच दौर की बातचीत के बाद आज फिर दोनों पक्षों में मामले को लेकर बातचीत चल रही है।

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