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मानव संपदा पोर्टल के आंकड़ों से BSA और BEO की मनमानी का खुलासा, यूपी में शिक्षकों की एक दिन की छुट्टी 100 दिन में हो रही मंजूर

बेसिक शिक्षा निदेशालय ने छुट्टियों की व्यवस्था को लेकर हर जिले में शिक्षकों को कॉल कर फीडबैक लिया था। इस दौरान हर जिले में औसतन 150 शिक्षकों से बात की गई। इसमें 10% से अधिक शिक्षकों ने छुट्टियों के नाम पर शोषण और बेवजह देरी किए जाने की शिकायत की है।

नवभारत टाइम्स 4 Dec 2020, 3:28 pm
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम teacher
सांकेतिक चित्र

यूपी के बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और शिक्षामित्रों की छुट्टी की प्रक्रिया सहज करने की कवायद पर बीईओ और बीएसए भारी पड़ रहे हैं। कई जिलों में तो एक दिन में स्वीकृत की जाने वाली छुट्टियां 100 दिन में मंजूर की जा रही हैं। मानव संपदा पोर्टल की समीक्षा के दौरान हुए खुलासे के बाद डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को पत्र लिखकर रवैया सुधारने को कहा है।

पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि चार दिन से कम के आकस्मिक अवकाश के लिए भी बीईओ को आवेदन किया जा रहा है, जबकि इसे हेड मास्टर के स्तर पर ही स्वीकृत किए जाने की व्यवस्था है। प्रदेश के 119 ब्लॉक ऐसे हैं, जहां छुट्टियों के लिए ऑनलाइन आवेदन बहुत ही कम है। इन्हें पोर्टल का पूरा इस्तेमाल करने की ताकीद दी गई है।

मेडिकल व सीसीएल देने में भी अनियमितता

अगर शिक्षक मेडिकल लीव के लिए आवेदन करता है तो उसका मेडिकल सर्टिफिकेट अपलोड होने के दो दिन में बीईओ को आवेदन फॉरवर्ड करना होगा। इसके अगले दो दिनों में बीएसए को आवेदन पर फैसला लेना होगा। समीक्षा में पाया गया कि कई ब्लॉक ऐसे हैं, जहां ऐसी छुट्टियों पर फैसला लेने में छह महीने से अधिक लगा दिए गए। इसी तरह चाइल्ड केयर लीव की अनुमति भी कुछ जगहों पर 50 दिनों में दी गई है।

शिक्षकों ने की छुट्टियों के नाम पर शोषण की शिकायत

बेसिक शिक्षा निदेशालय ने छुट्टियों की व्यवस्था को लेकर हर जिले में शिक्षकों को कॉल कर फीडबैक लिया था। इस दौरान हर जिले में औसतन 150 शिक्षकों से बात की गई। इसमें 10% से अधिक शिक्षकों ने छुट्टियों के नाम पर शोषण और बेवजह देरी किए जाने की शिकायत की है। करीब 10% शिक्षकों ने माना है कि वे छुट्टियों के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करते, जबकि यह अनिवार्य है।

बेवजह खारिज करते हैं छुट्टियां
यह भी पाया गया है कि कुछ बीईओ बिना वजह उल्लेखित किए छुट्टियां खारिज करते हैं, जबकि कारण बताना जरूरी है। विजय किरन आनंद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आगे स्थितियां नहीं बदली तो जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी।

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