लखनऊ: लॉ की पढ़ाई पूरी करके जिन्हें कानून का रक्षक बनना था, गलत रास्ते पर चलकर वही युवा सलाखों के पीछे चले गए। लॉ के स्टूडेंट्स ने डिलीवरी बॉय को साथ मिलाकर 3 ही दिन में ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को लाखों का चूना लगा दिया। डीसीपी उत्तरी की क्राइम टीम और मड़ियांव पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 2 लॉ स्टूडेंट्स के साथ 3 डिलीवरी बॉय व एक अन्य को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से एप्पल के 43 फोन, 7 आईपैड समेत 25 यूएसबी केबल, फ्लिपकार्ट के लोगो वाला टेप और अन्य सामान बरामद किया गया है। गिरोह का खुलासा करने वाली टीम को डीसीपी उत्तरी एसएम कासिम आब्दी ने 25 हजार रुपये इनाम देने का ऐलान किया है। एसीपी अलीगंज आशुतोष कुमार के अनुसार पकड़े गए आरोपितों में अयोध्या के खंडासा निवासी सचिन तिवारी, अम्बेडकर नगर निवासी अभिषेक दुबे, बीकेटी निवासी शुभम, विकास यादव, इटौंजा निवासी धर्मवीर और रवींद्र यादव शामिल हैं। गिरोह का सरगना सचिन और अभिषेक दुबे सिटी लॉ कॉलेज के छात्र हैं। जबकि शुभम, रवींद्र और धर्मवीर फ्लिपकार्ट के मड़ियांव में स्थित ऑफिस में बतौर डिलीवरी बॉय काम करते थे। सचिन और अभिषेक मड़ियांव में कमरा लेकर साथ रहते हैं। पूछताछ में सचिन ने बताया कि दोस्त विकास ने डिलीवरी बॉय रवींद्र से मिलवाया था।
सचिन के अनुसार कुछ समय पहले कंपनी में बतौर डिलीवरी बॉय काम कर युवक ने ठगी का तरीका बताया था। पूर्व डिलीवरी बॉय ने बताया था कि फर्जी सिम से फर्जी नाम पते पर सामान मंगवाने के बाद किस तरह खाली डब्बा लौटाकर माल हड़पा जा सकता है। इसके बाद उसने रवींद्र, शुभम और धर्मवीर को साथ मिलाकर खेल शुरू किया था। सचिन ने बताया कि मोबाइल और टैबलेट निकालने के बाद डिब्बे में भीगी हुई पुट्टी भर देते थे। इसके साथ ही आरोपियों ने फ्लिपकार्ट के नाम से छपे टेप की व्यवस्था भी कर रखी थी। पार्सल खोलकर सामान निकालने के बाद दोबारा पैकिंग कर टेप लगा देते थे।
तीन दिन में 50 से अधिक ऑर्डर
क्राइम टीम प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह और चंद्रकांत ने बताया सचिन पिछले कई माह से कंपनी को चूना लगा रहा था। हालांकि 23 से 26 सितंबर के बीच फर्जी नाम-पते पर 50 से अधिक ऑडर किए थे। इसके बाद पहले से मिलीभगत होने के चलते तीनों डिलीवरी बॉय सामान लौटा देते थे। हालांकि कंपनी में वापस वाया कुरियर चेक करने पर सामान गायब मिलता। ऐसे में शक के आधार पर कंपनी में कार्यरत रायबरेली निवासी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को मड़ियांव पुलिस को तहरीर दी थी।
सचिन के अनुसार कुछ समय पहले कंपनी में बतौर डिलीवरी बॉय काम कर युवक ने ठगी का तरीका बताया था। पूर्व डिलीवरी बॉय ने बताया था कि फर्जी सिम से फर्जी नाम पते पर सामान मंगवाने के बाद किस तरह खाली डब्बा लौटाकर माल हड़पा जा सकता है। इसके बाद उसने रवींद्र, शुभम और धर्मवीर को साथ मिलाकर खेल शुरू किया था। सचिन ने बताया कि मोबाइल और टैबलेट निकालने के बाद डिब्बे में भीगी हुई पुट्टी भर देते थे। इसके साथ ही आरोपियों ने फ्लिपकार्ट के नाम से छपे टेप की व्यवस्था भी कर रखी थी। पार्सल खोलकर सामान निकालने के बाद दोबारा पैकिंग कर टेप लगा देते थे।
तीन दिन में 50 से अधिक ऑर्डर
क्राइम टीम प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह और चंद्रकांत ने बताया सचिन पिछले कई माह से कंपनी को चूना लगा रहा था। हालांकि 23 से 26 सितंबर के बीच फर्जी नाम-पते पर 50 से अधिक ऑडर किए थे। इसके बाद पहले से मिलीभगत होने के चलते तीनों डिलीवरी बॉय सामान लौटा देते थे। हालांकि कंपनी में वापस वाया कुरियर चेक करने पर सामान गायब मिलता। ऐसे में शक के आधार पर कंपनी में कार्यरत रायबरेली निवासी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को मड़ियांव पुलिस को तहरीर दी थी।