लखनऊ
अमनमणि के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। यह वॉरंट गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि पाण्डेय के अपहरण के आरोप में किया गया है। एडीजे अशोकेश्वर कुमार रवि ने अमनमणि के साथ एक दूसरे आरोपित संदीप त्रिपाठी के खिलाफ भी वॉरंट किया है।
अमनमणि के खिलाफ 6 अगस्त 2014 को गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पाण्डेय ने एफआईआर दर्ज कराई थी। ऋषि का आरोप था कि 28 जुलाई 2014 को अमनमणि और संदीप त्रिपाठी ने राजभवन के पास से उसका अपहरण किया था। उसे जान से मारने की धमकी देकर उससे रंगदारी मांगी गई थी। किसी तरह जान बचाकर ऋषि ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
अमनमणि ने बोला झूठ
बचाव पक्ष के सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार को इस मामले के एक गवाह अदालत में गवाही देने आया, लेकिन आरोपित पक्ष की तरफ से किसी के न होने से गवाही नहीं हो सकी। अमनमणि की ओर से पिछली तारीख में हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी। जिसमें उसका कहना था कि उसे एक दूसरे मामले में गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेशी के लिए जाना है। बचाव पक्ष की तरफ से अमनमणि की यह अर्जी झूठी साबित की गई। कोर्ट को पता चला कि अमनमणि की गाजियाबाद के सीबीआई कोर्ट में पेशी 22 सिंतबर थी जबकि उसे लखनऊ एडीजे कोर्ट में 16 सिंतबर को पेश होना था। उसके बाद कोर्ट ने अगली तारीख 26 सितंबर की दी, लेकिन अमनमणि ने जानबूझकर सीबीआई कोर्ट की तारीख 26 सितंबर करवा ली। ताकि इस कोर्ट की कार्रवाई आगे न हो सके।
अमनमणि के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। यह वॉरंट गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि पाण्डेय के अपहरण के आरोप में किया गया है। एडीजे अशोकेश्वर कुमार रवि ने अमनमणि के साथ एक दूसरे आरोपित संदीप त्रिपाठी के खिलाफ भी वॉरंट किया है।
अमनमणि के खिलाफ 6 अगस्त 2014 को गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि कुमार पाण्डेय ने एफआईआर दर्ज कराई थी। ऋषि का आरोप था कि 28 जुलाई 2014 को अमनमणि और संदीप त्रिपाठी ने राजभवन के पास से उसका अपहरण किया था। उसे जान से मारने की धमकी देकर उससे रंगदारी मांगी गई थी। किसी तरह जान बचाकर ऋषि ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
अमनमणि ने बोला झूठ
बचाव पक्ष के सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार को इस मामले के एक गवाह अदालत में गवाही देने आया, लेकिन आरोपित पक्ष की तरफ से किसी के न होने से गवाही नहीं हो सकी। अमनमणि की ओर से पिछली तारीख में हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी। जिसमें उसका कहना था कि उसे एक दूसरे मामले में गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेशी के लिए जाना है। बचाव पक्ष की तरफ से अमनमणि की यह अर्जी झूठी साबित की गई। कोर्ट को पता चला कि अमनमणि की गाजियाबाद के सीबीआई कोर्ट में पेशी 22 सिंतबर थी जबकि उसे लखनऊ एडीजे कोर्ट में 16 सिंतबर को पेश होना था। उसके बाद कोर्ट ने अगली तारीख 26 सितंबर की दी, लेकिन अमनमणि ने जानबूझकर सीबीआई कोर्ट की तारीख 26 सितंबर करवा ली। ताकि इस कोर्ट की कार्रवाई आगे न हो सके।