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खड़ी स्कूटी में 130 की स्पीड से Scorpio ने मारी टक्कर, परिवार के 4 लोगों की दर्दनाक मौत, उस रात क्या हुआ जानिए

Edited byधीरेंद्र सिंह | नवभारत टाइम्स 1 Jun 2023, 7:28 pm

Lucknow Accident Update News: लखनऊ के विकासनगर के शंकरजी तिराहे पर हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान गई थी। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवारीजनों को सौंप दिए गए। शाम को चारों के शव गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। छोटे भाई अमर सिंह ने भाई भाभी और भतीजों को मुखाग्नि दी।

इश्तियाक रजा, लखनऊ: राम सिंह का पूरा परिवार एक झटके में रफ्तार का शिकार होकर खत्म हो गया। पत्नी और बच्चों को लेकर उसे एक जून को अपने घर सीतापुर जाना था। पहले उसका 30 मई को ही घर जाने का प्लान था, लेकिन चौथे बड़े मंगल के चलते काम ज्यादा होने के चलते उसने अपना प्रोग्राम आगे बढ़ा दिया था। मंगलवार रात मंदिर के पास लगे मेले से वो परिवार को घुमाकर वापस घर जा रहा था, लेकिन गुलाचीन मंदिर के आगे शंकरजी तिराहे पर 130 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से मौत बनकर आई स्कॉर्पियो ने राम सिंह और उसके पूरे परिवार को खत्म कर दिया।

अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर के पास स्थित मां वैष्णो टेंट हाउस में राम सिंह मैनेजर थे। टेंट हाउस के पास ही बड़े मंगल का मेला लगा था। अलीगंज में किराए पर रहने वाले राम पत्नी ज्ञान देवी (30), बेटे राज (14) और अंश (8) को मेला दिखाकर वापस घर के लिए निकले थे। स्कूटी से लौटते समय रात 1:45 बजे राम लेखराज पन्ना मार्केट की ओर मुड़ते समय टेढ़ी पुलिया की ओर से रही स्कॉर्पियो (यूपी 32 एचके 7788) को देख राम रुक गए। इस दौरान स्कॉर्पियो सवार ने उन्हें उड़ा दिया। भागने के प्रयास में चालक स्कूटी और अंश को बोनट में फंसाकर 150 मीटर तक घसीट ले गया। यादव लोहा भंडार के सामने साइकल ट्रैक से टकराकर रुक गया।

हर ओर फैला था खून

राम की स्कूटी के पीछे चल रहे विकासनगर निवासी अधिवक्ता विनय साहू ने बताया कि स्कॉर्पियो सवार ने खड़ी गाड़ी को उड़ाया था। टक्कर इतनी भयानक थी कि ज्ञान देवी रोड पार पंचमुखी रेस्टोरेंट के सामने, राज करीब 25 मीटर दूर हनुमान मोबाइल के, राम करीब 30 मीटर दूर राधे दूध डेयरी के सामने, जबकि अंश स्कूटी समेत स्कॉर्पियो में फंसकर करीब 150 मीटर तक घिसटता चला गया। घटनास्थल के आस-पास चारों ओर खून फैला था।

छत विछत हो गया था अंश का शव

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में राम, ज्ञान देवी और राज के शरीर के कई हिस्सों में चोंटे पाई गईं। शरीर की कई हड्डियां टूटी मिली। जबकि बोनट में फंसने से अंश का शव क्षतविक्षत हो गया था। इंस्पेक्टर विकासनगर शिवानंद मिश्रा का दावा है कि पकड़े गए तालकटोरा के राजाजीपुरम निवासी राजेंद्र कुमार का मेडिकल करवाया गया। रिपोर्ट में नशे में होने की पुष्टि नहीं हुई। राजेंद्र बीकेटी में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। घटना के वक्त वहीं से लौट रहा था। राम के भाई मनीष की तहरीर पर धारा 304 गैरइरादत हत्या, धारा 279 लापरवाही से गाड़ी चलाने और नुकसान पहुंचाने की धारा 427 में केस दर्ज कर राजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है।

घरवालों के लिए मजबूत सपोर्ट था राम

राम के पिता रामपल्टन किसान हैं। चार भाइयो में राम अनिल से छोटा और अमर, मनीष से बड़ा था। बहन रंजना और सुनीता राम से बड़ी, जबकि संजना और मंजना छोटी थी। 22 फरवरी को संजना और मंजना की लखीमपुर से शादी हुई थी। दोनों बहनों की शादी का खर्च राम ने उठाया था। शादी के बाद लखनऊ आते समय राम ने मई में घर आने की बात कही थी। पल्टन ने बताया कि 10 दिन पहले उसने फोन कर 30 मई को घर लौटने की बात कही थी। रविवार को बात हुई तो बताया कि बड़े मंगल की वजह से शहर में भंडारे लगते हैं, काम ज्यादा होने की बात कहते हुए उसने 1 जून को घर आने की बात कही। बेटे के घर आने की राह देख रही मां राजरानी पोस्टमॉर्टम हाउस पहुचीं तो फूट फूट कर रोने लगी। अपनों का शव देख रामपल्टन भी बेसुध हो गई।

बेटे को डॉक्टर बनाना चाहता था राम

राज और अंश विकासनगर स्थित महावीर इंटर कॉलेज में पढ़ते थे। राज कक्षा 9, जबकि अंश कक्षा 1 का छात्र था। टेंट हाउस में राम का वेतन 9 हजार रुपये था। 3500 रुपये मकान का किराया जाता था। घर खर्च चलाने के लिए पत्नी ज्ञान देवी घरों में काम करती थी, जबकि स्कूल से लौटने के बाद राज एक डेंटल क्लिनिक में नौकरी करता था। रामपल्टन ने बताया कि राम बड़े बेटे राज को डॉक्टर बनाना चाहता था। सारे भाइयों में राम सबसे ज्यादा होशियार था। वेतन कम होने के बाद भी वो हर महीने माता-पिता को खर्च पहुंचाता था।

कड़ी सजा दिलवाने की मांग

राम के चाचा विजय पाल का दावा है कि घटना के समय कार में तीन लोग थे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ राजेंद्र के खिलाफ ही कारवाई की है। विजय का कहना है कि घटना के समय सभी नशे में थे। उन्होंने सही से जांच कर आरोपितों को कड़ी सजा दिलवाने की मांग की है।
धीरेंद्र सिंह
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धीरेंद्र सिंह
नवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर हूं। यूपी और उत्तराखंड से जुड़ी राजनीतिक समेत अन्य खबरों पर काम करने की जिम्मेदारी है। इससे पहले की बात की जाए तो दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। 2014 से करियर की शुरूआत हुई और 8 साल से अधिक का अनुभव हो चुका है। इस दौरान दिल्ली, यूपी और जम्मू कश्मीर में रिपोर्टिंग करने का भी मौका मिला। टाइम्स ग्रुप से पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका (डिजिटल), नवोदय टाइम्स, हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी समेत कुछ अन्य संस्थानों में काम किया है। अखबार और डिजिटल जर्नलिज्म की दुनिया में लिखने पढ़ने का काम जारी है।... और पढ़ें
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