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महोबा कांड:'बिना पूछताछ कैसे पूरी हो गई SIT जांच', मृत कारोबारी के परिजन ने उठाए सवाल

घरवालों ने आरोप लगाया है कि आरोपित एसपी और पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए मामले में लीपापोती कर दी गई है। उन्होंने एसआईटी जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब तक आईपीएस मणिलाल पाटीदार समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक न्याय की उम्मीद नहीं है।

नवभारत टाइम्स 27 Sep 2020, 9:50 am
लखनऊ/महोबा
नवभारतटाइम्स.कॉम मृत कारोबारी इंद्रजीत त्रिपाठी (फाइल फोटो)
मृत कारोबारी इंद्रजीत त्रिपाठी (फाइल फोटो)

महोबा क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत जांच से उनके परिवार के लोग संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने एसआईटी जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब तक आईपीएस मणिलाल पाटीदार समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक न्याय की उम्मीद नहीं है। घरवालों ने आरोप लगाया है कि आरोपी एसपी और पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए मामले में लीपापोती कर दी गई है। वहीं, महोबा से एसआईटी के जाने के बाद अब इस मामले की जांच महोबा के सीओ सिटी आर.के. पांडेय कर रहे हैं।

इंद्रकांत के भतीजे शरद त्रिपाठी और भाई रविकांत ने एसआईटी जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पाटीदार को कोरोना पॉजिटिव बताया जा रहा है। लेकिन यह नहीं पता है कि वह किस अस्पताल में भर्ती हैं। अगर वह होम आइसोलेशन में है तो जांच टीम को उसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। आरोपी होने के बाद भी उनसे पूछताछ नहीं की गई। फिर जांच कैसे पूरी हो सकती है।

कबरई के निलंबित एसओ, ब्रह्मदत्त, सुरेश सोनी, सिपाहियों से पूछताछ ही नहीं की गई। किसी भी आरोपी को पुलिस हिरासत में नहीं लिया गया और हत्या को आत्महत्या में बदल दिया गया। शरद ने कहा कि इंद्रकांत को फोन पर धमकी देने वाले जिले के टॉप-10 अपराधी आशू भदौरिया और निलंबित एसपी के संबंधों की जांच भी नहीं की गई। आशू को घर से उठाकर अन्य मामलों में जेल भेज दिया गया।

भ्रष्ट पुलिसवालों की बनेगी सूची
बांदा के आईजी के सत्यनारायण का कहना है कि भ्रष्टाचार और अवैध वसूली मे लिप्त मंडल के पुलिसकर्मियों की सूची बनाई जा रही है। भ्रष्टाचार और वसूली करने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई शुरू होगी। बहुचर्चित सिपाही अरुण कुमार यादव के 10 डंपर सीज हो गए हैं और विभागीय कार्रवाई की तैयारी हो रही है।

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सात वर्ष से ज्यादा सजा वाली धाराएं
ऐक्टिविस्ट नूतन ठाकुर का कहना है कि इंद्रकांत के भाई द्वारा लिखवाई गई एफआईआर में आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ धारा 387 आईपीसी (सजा 7 वर्ष) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (सजा 3 से 7 साल) और धारा 13 (सजा 4 से 10 साल) के अपराध बनते हैं। इसके लिए पर्याप्त साक्ष्य आ चुके हैं। नूतन ने कहा कि 7 साल से अधिक सजा का अपराध होने की वजह से निलंबित एसपी समेत सभी आरोपी पुलिसवालों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने रविकांत त्रिपाठी द्वारा परिवार की सुरक्षा और निष्पक्ष विवेचना के लिए महोबा के एएसपी वीरेंद्र कुमार को तत्काल हटाने की मांग का भी समर्थन किया।

एसआईटी अब मंगलवार को सौंपेगी रिपोर्ट
महोबा कांड की जांच कर रही एसआईटी ने डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी से तीन दिन का समय और मांगा है। एसआईटी ने बैलिस्टिक रिपोर्ट समेत मणिलाल पाटीदार पर आरोपों की जांच के लिए अतिरिक्त समय की मांग की। डीजीपी ने यह मांग मान ली। एसआईटी अब मंगलवार तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

12 से ज्यादा लोगों ने लगाए गंभीर आरोप
एसआईटी को इंद्रकांत की मौत के मामले में कुछ और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है। इनमें सबसे अहम बैलेस्टिक रिपोर्ट है। इसके अलावा पाटीदार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भी बाकी है। एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक, बीते 10 दिन तक चली जांच के दौरान 12 से ज्यादा लोगों ने एसआईटी से संपर्क कर शिकायत दर्ज करवाई कि उन्हें भी झूठे मुकदमों में फंसाया गया था। एसआईटी ने इन सभी शिकायतों के बाद वादी और विवेचकों के बयान भी दर्ज किए हैं। अब एसआईटी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की तैयारी में है। इसी वजह से डीजीपी से अतिरिक्त समय देने की मांग की गई है।

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