लखनऊ: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से हो रहे प्री-नैटल चेकअप में बच्चों की कई बीमारियों का पता लगाना आसान हो गया है। शहीद पथ स्थित लोहिया संस्थान के रेफरल सेंटर में शनिवार को पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के स्थापना दिवस पर हुए सीएमई में केजीएमयू के वीसी प्रो. बिपिन पुरी ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब गर्भ में ही बच्चों की बीमारियों की पहचान हो रही है। इन जेनेटिक जांचों के लिए कई नए बायोमार्कर पर स्टडी चल रही है।
स्थापना दिवस में पीडियाट्रिक सर्जरी की कई नई तकनीकों पर भी चर्चा हुई। इसमें पीजीआई के डॉ. अंकुर ने कहा कि बच्चों के लिए भी रॉबोटिक सर्जरी काफी कारगर है। पहले 20 से 30 करोड़ में रोबॉटिक मशीन लगती थी, लेकिन अब महज पांच करोड़ में ही यह मशीन लग रही है। वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ के प्रो. राम ने छोटे मेडिकल कॉलेजों में भी पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग शुरू करने की सलाह दी।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं एम्स दिल्ली के प्रो. मीनू बाजपेई ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान विभाग के हेड डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि साल 2017 में शुरू हुए विभाग में अब बच्चों की सभी तरह की सर्जरी हो रही है। इस दौरान अटल चिकित्सा विवि के पूर्व वीसी प्रो. एके सिंह, केजीएमयू के प्रो. एसएन कुरील, लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे।
स्थापना दिवस में पीडियाट्रिक सर्जरी की कई नई तकनीकों पर भी चर्चा हुई। इसमें पीजीआई के डॉ. अंकुर ने कहा कि बच्चों के लिए भी रॉबोटिक सर्जरी काफी कारगर है। पहले 20 से 30 करोड़ में रोबॉटिक मशीन लगती थी, लेकिन अब महज पांच करोड़ में ही यह मशीन लग रही है। वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ के प्रो. राम ने छोटे मेडिकल कॉलेजों में भी पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग शुरू करने की सलाह दी।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं एम्स दिल्ली के प्रो. मीनू बाजपेई ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान विभाग के हेड डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि साल 2017 में शुरू हुए विभाग में अब बच्चों की सभी तरह की सर्जरी हो रही है। इस दौरान अटल चिकित्सा विवि के पूर्व वीसी प्रो. एके सिंह, केजीएमयू के प्रो. एसएन कुरील, लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद समेत कई डॉक्टर मौजूद रहे।