nएनबीटी, लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) ने इस साल एडऑन कोर्सों में दाखिले तो शुरू कर दिए, लेकिन इनमें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक ही नियुक्त नहीं किए। विश्वविद्यालय में बुधवार को शुरू हुई काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थी संस्कृत विभाग में डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन करवाने पहुंचे तो उन्हें यह कह कर लौटा दिया गया कि मंडारिन (चीनी भाषा) पढ़ाने के लिए शिक्षक हैं, न पढ़ने के लिए क्लासरूम। इसकी जानकारी जब प्रवेश समन्वयक प्रो. अनिल मिश्रा ने प्रति कुलपति प्रो. राजकुमार सिंह को दी तो उनके आश्वासन पर संस्कृत विभाग के हेड ने लौटाए गए अभ्यर्थियों का डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन करवाया। संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग के हेड प्रो. बृजेश शुक्ला का कहना है कि पहले मंडारिन अंग्रेजी विभाग में पढ़ाई जाती थी। बाद में डीन की बैठक में संस्कृत विभाग में इसे शुरू करने पर सहमति बन गई, जिसकी जानकारी नहीं दी गई, इसलिए अभ्यर्थियों को वापस किया गया था। मंडारिन पढ़ाने के लिए हमारे विभाग में क्लास रूम है न शिक्षक। प्रति कुलपति ने दोनों ही देने का आश्वासन दिया है। इस आधार पर अभ्यर्थियों का डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन करवा लिया गया।
पहले लौटाया फिर बुलाकर किया वैरिफिकेशन
लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) ने इस साल एडऑन कोर्सों में दाखिले तो शुरू कर दिए, लेकिन इनमें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक ही नियुक्त नहीं किए। ...
Navbharat Times 8 Aug 2019, 9:00 am