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KGMU यूपी की पहली सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी, जिसे NAAC ने दी A+ ग्रेडिंग

राजधानी लखऊ के KGMU को नैक ने ए-प्लस ग्रेडिंग दी है। विश्वविद्यालय को 4 में से 3.36 अंक मिले हैं। इसके साथ ही केजीएमयू ए प्लस ग्रेड पाने वाला प्रदेश का पहला चिकित्सा सरकारी विश्वविद्यालय बन गया है।

Edited byराघवेंद्र शुक्ला | नवभारत टाइम्स 8 Feb 2023, 10:19 am
लखनऊः किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (naac) ने ए+ ग्रेड दिया है। विश्वविद्यालय को 4 में से 3.36 अंक मिले हैं। केजीएमयू यह ग्रेड पाने वाला प्रदेश का पहला सरकारी चिकित्सा विश्वविद्यालय है। केजीएमयू के वीसी प्रफेसर बिपिन पुरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नैक की टीम ने मूल्यांकन के लिए 2-4 फरवरी तक केजीएमयू का दौरा किया था। तीन दिन बाद ही मंगलवार को नैक की ओर से ग्रेडिंग जारी कर दी गई। इससे पहले 2017 में वीसी प्रो रविकांत के कार्यकाल में नैक मूल्यांकन हुआ था। तब केजीएमयू को ए ग्रेड मिला था। उस समय ए टॉप ग्रेड माना जाता था। इस बार भी केजीएमयू को टॉप ग्रेड यानी ए++ की उम्मीद थी, लेकिन उसे सेकंड टॉप ग्रेड यानी ए+ मिला है।
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KGMU लखनऊ


एलयू के फॉर्म्यूले पर किया था काम: कुछ महीने पहले ही लखनऊ विश्वविद्यालय को नैक में ए++ ग्रेड मिला है। ऐसे में केजीएमयू ने भी ए++ ग्रेड के लिए एलयू के फॉर्म्यूले पर ही तैयारी शुरू की। ए++ लाने वाले एलयू वीसी प्रो आलोक राय की मदद से तैयारी की गई थी। एलयू की तर्ज पर ही यहां भी टीमें बनाई गई थीं।

अंक ग्रेड
3.51-4.00 A++
3.26-3.50 A+
3.01-3.25 A
2.76-3.00 B++
2.51-2.75 B+
2.01-2.50 B
1.51-2.00 C

वीसी से सवाल-जवाब
  1. केजीएमयू को मिली ग्रेडिंग से आप संतुष्ट हैं?
    हमारी पूरी टीम ने खूब मेहनत की और हमें ग्रेड भी अच्छा मिला है। हर किसी को उम्मीद होती है कि टॉप ग्रेड मिले, लेकिन हम संतुष्ट हैं।
  2. नैक में आपके लिए क्या प्लस पॉइंट रहा?
    नया कैरिकुलम पैटर्न एक्स फैक्टर साबित हुआ। इसके अलावा इलेक्टिव कोर्स, ई रिसोर्सेज में काफी स्कोर किया।
  3. कहां कमजोर रहे?
    खेल सुविधाओं में थोड़े कमजोर रहे। स्थायी डिप्टी रजिस्ट्रार व लाइब्रेरियन नहीं है। इसके अलावा आईटी का अपना विभाग नहीं है, प्लान्टेशन भी हमारा वीक पॉइंट रहा। इन पर हम आगे काम करेंगे।
  4. नैक ग्रेडिंग कितनी फायदेमंद है?
    ग्रेडिंग से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धारणा बनती है। केजीएमयू वैसे किसी पहचान का मोहताज नहीं। लेकिन ग्रेडिंग इस पर एक मुहर का काम करती है।
लेखक के बारे में
राघवेंद्र शुक्ला
राघवेंद्र शुक्ल ने लिखने-पढ़ने की अपनी अभिरुचि के चलते पत्रकारिता का रास्ता चुना। नई दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल करने के बाद जुलाई 2017 में जनसत्ता में बतौर ट्रेनी सब एडिटर दाखिला हो गया। वहां के बाद नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की लखनऊ टीम का हिस्सा बन गए। यहां फिलहाल सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रड्यूसर के पद पर तैनाती है। देवरिया के रहने वाले हैं और शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री है। साहित्यिक अभिरूचियां हैं। कविता-उपन्यास पढ़ना पसंद है। इतिहास के विषय पर बनी फिल्में देखने में दिलचस्पी है। थोड़ा-बहुत गीत-संगीत की दुनिया से भी वास्ता है।... और पढ़ें

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