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Lucknow News: कहीं प्‍यासा न रह जाए लखनऊ, 3 साल में 9 फीट तक गिर गया भूजल स्‍तर, 70 नलकूप सूखे

उत्तर प्रदेश भूजल विभाग और विश्व बैंक के सहयोग से किए गए हालिया अध्ययन में भी लखनऊ में भूजल स्तर की स्थिति काफी चिंताजनक बताई गई है। चौक समेत कई इलाकों में सूख चुके नलकूपों की रिबोरिंग 160 से 180 फुट तक करनी पड़ रही है। ये नलकूप पहले 150 फुट पर ही पानी देते थे।

Reported byरणविजय सिंह | Edited byवैभव पांडे | नवभारत टाइम्स 2 Apr 2022, 8:34 am
लखनऊ: चौपटिया और उसके आसपास के मोहल्लों में पानी सप्लाई के लिए लगा नलकूप फेल हो गया है। पिछले 10 दिनों से यहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। चौक समेत शहर के अलग-अलग इलाकों में इस साल अब तक 15 नलकूप सूख चुके हैं। जल संस्थान की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ के आठ जोनों में पिछले तीन वर्ष के दौरान 70 नलकूप सूख चुके हैं, जिन्हें जल निगम ने रिबोर करवाया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन वर्ष के दौरान लखनऊ का भूजल स्तर (Lucknow Ground Water Level) औसतन करीब नौ फुट नीचे जा चुका है।
नवभारतटाइम्स.कॉम ground-water
लखनऊ का भूजल स्‍तर गिरा


लखनऊ में भूजल का स्तर गिरने का आलम यह है कि चौक समेत कई इलाकों में सूख चुके नलकूपों की रिबोरिंग 160 से 180 फुट तक करनी पड़ रही है। ये नलकूप पहले 150 फुट पर ही पानी देते थे। यही स्थिति कमोवेश शहर के बाकी हिस्सों की भी है। सबसे ज्यादा दिक्कत जोन-3 (महानगर, जानकीपुरम, त्रिवेणीनगर, अलीगंज आदि), जोन-5 (मानक नगर, कैलाशपुरी, आलमाबग, तालकटोरा आदि) और जोन-8 (एलडीए कॉलोनी, हिंदनगर, बल्दीखेड़ा, बरिगंवा, रश्मिखंड आदि) में है।

मध्य, उत्तर और पूर्व में 200 फुट तक की बोरिंग

उत्तर प्रदेश भूजल विभाग और विश्व बैंक के सहयोग से किए गए हालिया अध्ययन में भी लखनऊ में भूजल स्तर की स्थिति काफी चिंताजनक बताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में लगभग 72 प्रतिशत परिवार भूजल पर निर्भर हैं। शहर के 90 फीसदी ग्रुप हाउसिंग, होटल, अस्पताल, स्कूल, ऑफिस और मॉल्स अपनी जरूरत का 70 फीसदी भूजल से पूरा करते हैं। लखनऊ मध्य, उत्तर और पूर्वी के इलाकों में सबसे ज्यादा निजी बोरबेल और सबमर्सिबल का इस्तेमाल होता है। यहां करीब 200 फुट से ज्यादा गहराई तक बोरिंग करवाई जा रही।
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रणविजय सिंह

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