लखनऊ
ई-सुविधा केंद्रों पर सर्वर स्लो होने के कारण बिजली उपभोक्ताओं को बिल जमा करने में दिक्कत हो रही है। परेशान उपभोक्ता पिछले तीन दिनों से उपकेंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। समय से बिल जमा न होने से लेसा के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है।
शहर में 76 बिलिंग सेंटर (ई-सुविधा केंद्र) पर बिजली बिल जमा करने की सुविधा है। परिवर्तन चौक के साथ ही अपट्रान, 1090 चौराहा, हुसैनगंज और कई अन्य ई-सुविधा पर सर्वर स्लो होने से उपभोक्ताओं को घंटों इंतजार के बाद निराश लौटना पड़ रहा है। इस बीच सेवा प्रदाता एजेंसी ऐप की मदद से बिल जमा करवा रहा है। हालांकि ऐप वैलिड है या नहीं, इसे लेकर विभाग के इंजिनियरों से लेकर उपभोक्ता तक संशय में हैं। ऐसे में हर उपकेंद्र से रोज करीब 150 उपभोक्ताओं को बिना बिल जमा किए लौटना पड़ रहा है।
48 घंटे बाद ट्रांसफर हो रही रकम
सेवा प्रदाता एजेंसी के ऐप से बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं के अनुसार खाते से रकम 48 घंटे बाद ट्रांसफर हो रही है। ऐसे में समय पर बिल जमा होने के बावजूद बकाया दिखा रहा है। इस दौरान स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटने तक की नौबत आ रही है। इतना ही नहीं बिल की मूल कॉपी लेकर पहुंचे उपभोक्ताओं को रसीद भी आधे-अधूरे ब्योरे के साथ मिल रही है।
ई-सुविधा केंद्रों पर सर्वर स्लो होने के कारण बिजली उपभोक्ताओं को बिल जमा करने में दिक्कत हो रही है। परेशान उपभोक्ता पिछले तीन दिनों से उपकेंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। समय से बिल जमा न होने से लेसा के राजस्व पर भी असर पड़ रहा है।
शहर में 76 बिलिंग सेंटर (ई-सुविधा केंद्र) पर बिजली बिल जमा करने की सुविधा है। परिवर्तन चौक के साथ ही अपट्रान, 1090 चौराहा, हुसैनगंज और कई अन्य ई-सुविधा पर सर्वर स्लो होने से उपभोक्ताओं को घंटों इंतजार के बाद निराश लौटना पड़ रहा है। इस बीच सेवा प्रदाता एजेंसी ऐप की मदद से बिल जमा करवा रहा है। हालांकि ऐप वैलिड है या नहीं, इसे लेकर विभाग के इंजिनियरों से लेकर उपभोक्ता तक संशय में हैं। ऐसे में हर उपकेंद्र से रोज करीब 150 उपभोक्ताओं को बिना बिल जमा किए लौटना पड़ रहा है।
48 घंटे बाद ट्रांसफर हो रही रकम
सेवा प्रदाता एजेंसी के ऐप से बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं के अनुसार खाते से रकम 48 घंटे बाद ट्रांसफर हो रही है। ऐसे में समय पर बिल जमा होने के बावजूद बकाया दिखा रहा है। इस दौरान स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटने तक की नौबत आ रही है। इतना ही नहीं बिल की मूल कॉपी लेकर पहुंचे उपभोक्ताओं को रसीद भी आधे-अधूरे ब्योरे के साथ मिल रही है।