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घर न मिलने पर दोस्त को बनाया पत्नी

नवभारतटाइम्स.कॉम 6 Nov 2015, 9:00 am

प्रियंका पांडेयकिसी सही काम के लिए अगर झूठ बोला जाए तो वह झूठ नहीं माना जाता। कुछ ऐसी ही पेशकश अनादि संस्था की ओर से नौटंकी शैली पर बेस्ड प्ले 'वाह...

after he built the house wife to a friend
घर न मिलने पर दोस्त को बनाया पत्नी

प्रियंका पांडेय

किसी सही काम के लिए अगर झूठ बोला जाए तो वह झूठ नहीं माना जाता। कुछ ऐसी ही पेशकश अनादि संस्था की ओर से नौटंकी शैली पर बेस्ड प्ले 'वाह भई वाह' में गुरुवार को देखने को मिली। नाटक का आयोजन राय उमानाथ बली ऑडिटोरियम में किया गया।

दोस्त को बना दिया पत्नी

नाटक क्योंकि नौटंकी पर आधारित था इसलिए शुरुआत नौटंकी विधा के मुख्य किरदार नट धनराज और नटी प्रज्ञा ने की। वे कहानी के सूत्रधार थे। कहानी की शुरुआत दो दोस्तों से होती है, जो .....राजधानी पढ़ाई और पार्ट टाइम जॉब की तलाश में आते हैं। उन्हें सबसे बड़ी समस्या रहने की आती है। वे जहां किराए पर कमरा लेने जाते हैं, लोग उन्हें बैचलर होने की वजह से रूम देने से मना कर देते हैं। ऐसे में प्रदीप अपने दोस्त अनिल से उसकी पत्नी बनने की बात कहता है। वह राजी हो जाता है और उन्हें कमरा भी मिल जाता है। इस दौरान कभी मकान मॉलिक तो कभी प्रदीप के रिश्तेदार उसकी पत्नी पर नजर रखते हैं। तभी एक दिन प्रदीप की गर्लफ्रेंड भी वहां पहुंच जाती है और उसके दोस्त को देखकर नाराज होकर लौट जाती है। गुदगुदाते हुए इस प्ले में कई नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले। आखिरी सीन में प्रदीप मकान मालिक को सच बता देता है कि कमरा न मिलने के चलते उसने अपने दोस्त को पत्नी बनाया था। इस पर मकान मालिक उसकी गर्लफ्रेंड को बुलाकर उसकी शादी की बात करते हैं और कहते हैं कि अब वह इसी घर में अपनी असली पत्नी के साथ रहेगा। नाटक की परिकल्पना व निर्देशन अमित दीक्षित ने किया।

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