निशिकांत त्रिवेदी, लखनऊ
राजधानी के थाना वजीरगंज क्षेत्र में स्थित रिवरबैंक कॉलोनी में बुधवार को अचानक 100 साल पुरानी बनी 3 मंजिला इमारत धराशायी हो गई। इस पुरानी जर्जर इमारत के गिरने से युवक की दबकर मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। बताया जा रहा है कि शिकायतों के बाद भी बिल्डिंग की मरम्मत नही कराई गई। हादसे में गौरव त्रिवेदी की दबकर मौत हो गई। घटना की सूचना के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन कराया गया। काफी मशक्कत के बाद मलबे के नीचे दबे युवक के शव को बाहर निकाला गया। बता दें मृतक मूल रूप से रायबरेली के बछरावां का रहने वाला है। शिकायतों के बाद भी नहीं चेता विभाग
इमारत पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में थी। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला गौरव त्रिवेदी इसी इमारत के निचले हिस्से में रहता था। 100 साल पहले बसाई गई इस कॉलोनी की इमारतें लगभग जर्जर हो चुकी हैं, जो इमारत गिरी है, उसके ऊपर के दोनों मंजिल में कोई नहीं रहता था। वहीं घटना घटने के बाद नगर निगम के कर्मचारी बीते 9 जून को जारी की गई नोटिस लेकर वहां चिपकाने पहुंच गए, जिसे देखकर वहां रह रहे लोगों में बवाल कर दिया और उन्होंने नोटिस चिपकाने पहुंचे कर्मचारियों को घेरकर बंधक बना लिया। जोनल अधिकारी दिलीप श्रीवास्तव के जरिए पुलिस की मदद लेकर बंधक बनाए गए कर्मचारियों को मुक्त कराया जा सका। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर नोटिस पहले चिपकाई गई होती तो शायद ये हादसा होने से बच जाता।
सूचना मिलते ही मंत्री समेत जिलाधिकारी पहुंचे घटना स्थल
जैसे ही घटना की जानकारी कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक को मिली तो वो तुरंत घटना स्थल पहुंच गए। मौके पर पहुंचकर उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को और तेज करने के लिए निर्देश दिए। उनकी मौजूदगी में ही मलबे के नीचे दबे मृतक गौरव और उसके चाचा को घायल अवस्था मे अस्पताल भेजा गया। वहीं, डीएम अभिषेक प्रकाश और नगर आयुक्त अजय द्विवेदी भी मौके पर डटे रहे। बताया जा रहा है की इमारत का आगे वाला हिस्सा गिरा है, अब पूरी इमारत गिरवा दी जाएगी।
राजधानी के थाना वजीरगंज क्षेत्र में स्थित रिवरबैंक कॉलोनी में बुधवार को अचानक 100 साल पुरानी बनी 3 मंजिला इमारत धराशायी हो गई। इस पुरानी जर्जर इमारत के गिरने से युवक की दबकर मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। बताया जा रहा है कि शिकायतों के बाद भी बिल्डिंग की मरम्मत नही कराई गई। हादसे में गौरव त्रिवेदी की दबकर मौत हो गई। घटना की सूचना के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन कराया गया। काफी मशक्कत के बाद मलबे के नीचे दबे युवक के शव को बाहर निकाला गया। बता दें मृतक मूल रूप से रायबरेली के बछरावां का रहने वाला है।
इमारत पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में थी। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला गौरव त्रिवेदी इसी इमारत के निचले हिस्से में रहता था। 100 साल पहले बसाई गई इस कॉलोनी की इमारतें लगभग जर्जर हो चुकी हैं, जो इमारत गिरी है, उसके ऊपर के दोनों मंजिल में कोई नहीं रहता था। वहीं घटना घटने के बाद नगर निगम के कर्मचारी बीते 9 जून को जारी की गई नोटिस लेकर वहां चिपकाने पहुंच गए, जिसे देखकर वहां रह रहे लोगों में बवाल कर दिया और उन्होंने नोटिस चिपकाने पहुंचे कर्मचारियों को घेरकर बंधक बना लिया। जोनल अधिकारी दिलीप श्रीवास्तव के जरिए पुलिस की मदद लेकर बंधक बनाए गए कर्मचारियों को मुक्त कराया जा सका। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर नोटिस पहले चिपकाई गई होती तो शायद ये हादसा होने से बच जाता।
सूचना मिलते ही मंत्री समेत जिलाधिकारी पहुंचे घटना स्थल
जैसे ही घटना की जानकारी कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक को मिली तो वो तुरंत घटना स्थल पहुंच गए। मौके पर पहुंचकर उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को और तेज करने के लिए निर्देश दिए। उनकी मौजूदगी में ही मलबे के नीचे दबे मृतक गौरव और उसके चाचा को घायल अवस्था मे अस्पताल भेजा गया। वहीं, डीएम अभिषेक प्रकाश और नगर आयुक्त अजय द्विवेदी भी मौके पर डटे रहे। बताया जा रहा है की इमारत का आगे वाला हिस्सा गिरा है, अब पूरी इमारत गिरवा दी जाएगी।