\B8 माह से बजट की आस में राजकीय निशातगंज इंटर कॉलेज, जर्जर बिल्डिंग के निर्माण के लिए मार्च में भेजा गया था प्रस्ताव
एनबीटी, लखनऊ\B : अधिकारियों की अनदेखी के चलते राजकीय निशातगंज इंटर कॉलेज की जर्जर हालत संवर नहीं पा रही है। स्कूल प्रशासन की ओर से मार्च महीने में भवन निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था, जो अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है। आलम यह है कि कॉलेज के 30 कमरों में संचालित होने वाली कक्षाएं 14 कमरों में सिमट कर रह गई हैं।
कॉलेज की प्रिंसिपल कमलेश कुमारी के मुताबिक, वर्ष 1875 में बनी कॉलेज की बिल्डिंग जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। दो साल पहले हुई बारिश के समय 8 कमरे गिर गए थे, जिन्हें बंद कर दिया गया। 7 अन्य कमरे भी बंद कर दिए गए थे। इसके बाद स्थिति यह है कि महज 14 कमरों में 22 कक्षाएं चल रही हैं। 730 बच्चों की संख्या को महज 14 कमरों में पढ़ाना काफी मुश्किल हो गया है। हम बजट मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
\Bराज्यपाल और डिप्टी सीएम ने किया था दौरा\B
राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष पारस नाथ पांडेय ने बताया कि सितंबर में हुई अलमनाई मीट में यह परेशानी डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा को भी बताई गई थी। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी स्कूल का दौरा किया था। लेकिन अभी तक शासन से स्कूल प्रशासन को एक भी पैसा नहीं मिला है।
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\Bकॉलेज की स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। डीआईओएस कार्यालय से भी पत्र भेजे जा रहे हैं। कोशिश है कि जल्द प्रस्ताव पास हो, जिससे भवन का निर्माण हो सके।
-डॉ. मुकेश कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक