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मरीजों की सेवा के लिए 3 बहनों ने नहीं की शादी

​अपने काम के प्रति समर्पण के भाव के कई किस्से आपने सुने-देखे होंगे, और नर्सिंग तो ऐसा प्रफेशन है जो सेवा भाव मांगता है। इसी सेवा भाव का जीता-जागता उदाहरण हैं तीन बहनें, जिन्होंने अपने प्रफेशन की खातिर शादी न करने का फैसला किया और उसपर कायम रहीं।

नवभारत टाइम्स 12 May 2017, 1:14 pm
लखनऊ
नवभारतटाइम्स.कॉम nurse-sisters

अपने काम के प्रति समर्पण के भाव के कई किस्से आपने सुने-देखे होंगे, और नर्सिंग तो ऐसा प्रफेशन है जो सेवा भाव मांगता है। इसी सेवा भाव का जीता-जागता उदाहरण हैं तीन बहनें, जिन्होंने अपने प्रफेशन की खातिर शादी न करने का फैसला किया और उसपर कायम रहीं।

लखनऊ में एक ऐसा परिवार है, जहां तीन बेटियों ने शादी ना करके मरीजों की सेवा करने का फैसला लिया। ये तीन बहनें स्निग्धा, सुचित्रा और कविता दास हैं।

स्निग्धा और सुचित्रा दोनों केजीएमयू में कई साल से मरीजों के लिए अपना समर्पण दिखा रही है। वहीं, कविता राजधानी के ऐशबाग स्थित बीएमसी में कार्यरत हैं। सिस्टर स्निग्धा ने बताया कि तीनों बहनों ने लोगों की सेवा करने की ठानी है। यही कारण है कि उन्होंने नर्सिंग प्रफेशन चुना।

इसके साथ ही उन्होंने शादी भी सिर्फ इसलिए नहीं की, क्योंकि कहीं सेवाभाव में कोई कमी ना रह जाए।

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