\Bपीजीआई के रेडियोथेरेपी विभाग में हुई कार्यशाला में बोले विशेषज्ञ \B
\Bएनबीटी, लखनऊ : \Bयूपी में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों में आज भी कैंसर के इलाज को लेकर डर बना रहता है, लेकिन आधुनिक तकनीकी ने कैंसर का इलाज आसान कर दिया है। पीजीआई में स्टीरियो टैक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी (एसबीआरटी) के जरिए कैंसर का सटीक इलाज किया जा रहा है। इस विधि के जरिए सीधे ट्यूमर पर रेडिएशन दिया जाता है। यह बात रविवार को पीजीआई के रेडियोथेरेपी विभाग की एचओडी प्रो़ पुनीता लाल ने कही। वह विभाग की ओर से रोल ऑफ टेक्नॉलजिस्ट्स टूवर्ड्स क्वॉलिटी अश्योर्ड रेडियोथेरेपी पर हुई कार्यशाला में बोल रही थीं।
\Bमरीजों की अपेक्षा उपकरण कम\B
प्रो़ पुनीता लाल ने बताया कि कैंसर के इलाज में सबसे अहम रोल टेक्निशन का होता है, लेकिन इनकी ट्रेनिंग के लिए कोई कार्यशाला नहीं होती। इस वजह से आधुनिक टेक्नॉलजी के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती। बताया कि इंटरनैशनल गाइडलाइंस के मुताबिक, प्रति वर्ष कैंसर के एक हजार मरीजों का इलाज दो लीनियर एक्सीलेटर पर किया जाना चाहिए, लेकिन पीजीआई में दो मशीन ही उपलब्ध हैं, जिन पर हर वर्ष दो से ढाई हजार मरीजों का इलाज किया जा रहा है। लिहाजा संस्थान में मरीजों की अपेक्षा उपकरणों की कमी है।
\Bइमेज गाइडेंस थेरेपी ब्रेन ट्यूमर और हेड नेक के कैंसर में कारगर \B
पीजीआई के रेडियोथेरेपी विभाग के प्रो़ केजे मरिया दास ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर, प्रोस्टेट और हेड नेक के कैंसर में इमेज गाइडेंस थेरेपी कारगर है। इसमें कैंसर का इमेज लेकर रेडिएशन देते हैं। इससे ट्यूमर के आसपास का हिस्सा प्रभावित नहीं होता है।
\Bगरीब मरीज भी करवा सकता है इम्यूनोथेरेपी\B
प्रो़ शालिनी ने बताया कि अब कैंसर से पीड़ित गरीब मरीज भी इम्यूनोथेरेपी करवा सकते हैं। भारत सरकार ने इसे आयुष्मान भारत योजना में जोड़ा है, जो नि:शुल्क होगा। डॉ़ शालिनी के मुताबिक इम्यूनोथेरेपी के प्रति साइकलिंग पर एक लाख रुपये खर्च आता है। इसलिए गरीब मरीज इम्यूनोथेरेपी नहीं करवा पाते थे।