एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के सरकारी कॉलेजों में भर्ती परीक्षा में एक और लापरवाही सामने आई है। एकेटीयू के प्रदेश में आठ सरकारी कॉलेज है। इन कॉलेजों में असिस्टेंट प्रफेसरों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए कॉलेजों ने अलग-अलग आवेदन मांगे थे। ज्यादातर अभ्यर्थियों ने दो से तीन कॉलेजों के लिए आवेदन किया था। हालांकि जब परीक्षा का समय आया तो एकेटीयू प्रशासन ने सभी कॉलेजों में भर्ती के लिए संयुक्त परीक्षा करा दी।
ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने दो या तीन कॉलेजों में आवेदन किया उन्हें दो परीक्षाएं छोड़नी पड़ीं। क्योंकि एक समय पर अभ्यर्थी एक ही परीक्षा दे सकेगा। अब अभ्यर्थियों का कहना है कि जब हमने अलग-अलग आवेदन किया, अलग-अलग फीस दी तो हमें परीक्षा का मौका भी तीनों कॉलेजों के लिए मिलना चाहिए। नहीं तो आवेदन लेते समय पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए था कि परीक्षा एक साथ ही ली जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थी एक ही कॉलेज में आवेदन करते।
एक कॉलेज का आवेदन शुल्क "1200
अभ्यर्थी संदीप ने बताया कि एक कॉलेज में आवेदन के लिए 1200 रुपये लिए गए थे। मैंने अम्बेडकर नगर, बिजनौर और आजमगढ़ स्थित कॉलेज में रिक्तियों पर आवेदन किया था। ऐसे में 3600 रुपये जमा किए। बाद में एकेटीयू की ओर से जो प्रवेशपत्र भेजा गया उसमें एक ही दिन और एक ही समय पर परीक्षा थी। अम्बेडकर नगर वाले कॉलेज की परीक्षा अंसल इंस्टिट्यूट में थी, जबकि बाकी दो कॉलेजों की परीक्षा अम्बालिका में थी। ऐसे में अंसल इंस्टिट्यूट में परीक्षा दी और बाकी दो कॉलेजों की परीक्षा छोड़ दी। उस पर भी अंसल में गड़बड़ी के चलते वहां की परीक्षा स्थगित कर दी गई।
आवेदन शुल्क वापस मांगा
अभ्यर्थियों की मांग है कि जब एकेटीयू ने एक ही दिन परीक्षा करा दी तो आवेदन शुल्क भी एक ही लेना चाहिए। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने दो या तीन कॉलेजों में आवेदन किया है उनका बाकी कॉलेजों का आवेदन शुल्क वापस कर दिया जाए। क्योंकि इसमें अभ्यर्थियों की कोई गलती नहीं है। अगर शुल्क वापस नहीं करना है तो बाकी दो कॉलेजों का एग्जाम करवा दिया जाए। कॉलेज के दाखिलों की मेरिट भी अलग-अलग तैयार कराई जाए।
अब कह रहे, मौका देंगे
मामला जानकारी में हैं। हम छात्रों को दूसरे कॉलेज में भी मौका देंगे। अगर वह मेरिट में होंगे तो उन्हें इंटरव्यू में बुलाया जाएगा।
विनय कुमार पाठक, वीसी एकेटीयू वीसी