एलडीए वीसी बोले, बार-बार डिजाइन बदलने से लेट हुआ जेपीएनआईसी प्रॉजेक्ट
एनबीटी, लखनऊ
करीब 864 करोड़ रुपये में बने जय प्रकाश नारायण इंटरनैशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) के लेट होने के जिम्मेदारों में एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह ने ठेकेदार, इंजीनियरों के साथ आर्किटेक्ट फर्म ऑर्कओम को भी शामिल कर लिया है। वीसी के मुताबिक जेपीएनआईसी का काम 10% बचा है। इसके लिए काफी हद तक आर्किटेक्ट की मनमानी जिम्मेदार है। वीसी ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक आर्किटेक्ट ने कई बार डिजाइन में बदलाव किया, जिस कारण प्रॉजेक्ट लेट हुआ। इसके लिए आर्किटेक्ट को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ एफआईआर करवाने पर विचार किया जा रहा है।
वीसी के मुताबिक निरीक्षण में सामने आया है कि जेपीएनआईसी के गेस्ट हाउस ब्लॉक और ऑडिटोरियम में फिनिशिंग, वायरिंग, एयर कंडिशनिंग के काम अधूरे हैं। इंजीनियरों की मानें तो काम पूरा होने में तीन महीने लग सकते हैं जबकि प्रॉजेक्ट पूरा होने की डेडलाइन 31 मार्च थी।
ठेका भी सवालों के घेरे में
जेपीएनआईसी के संचालन का ठेका भी सवालों के घेरे में आ गया है। एलडीए ने जेपीएनआईसी का ठेका महज "3 करोड़ सालाना की दर से तय किया है। इस दर से एजेंसी के पास संचालन का जिम्मा एक-दो नहीं बल्कि 15 साल तक रहेगा। प्रॉजेक्ट के बीच में आर्किटेक्ट बदलने के कारण लागत में करीब चार गुना इजाफा होने के बावजूद इतनी कम दर पर ठेका देने पर शासन स्तर पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, एलडीए अधिकारियों के मुताबिक पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए एजेंसी को काम दिया गया है।
इनमें होनी थी तैनाती
स्वास्थ्य, विद्युत सुरक्षा निदेशालय, सिंचाई, आवास, कृषि, जल निगम और मंडी परिषद समेत 20 विभाग।