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सावधान! केस घटे हैं खतरा नहीं, लापरवाही से बढ़ सकता है कोरोना का ग्राफ

लखनऊ में पिछले 4 दिन से 100 से भी कम नए केस सामने आ रहे हैं। कोरोना की वैक्सीन भी आ चुकी है, लेकिन लापरवाही नहीं बरतनी है। कोरोना का खतरा अभी भी बरकरा है और सबसे पास वैक्सीन पहुंचने में अभी लंबा वक्त लगेगा।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 21 Jan 2021, 5:41 am

हाइलाइट्स

  • लखनऊ में पिछले 4 दिन से 100 से भी कम नए केस सामने आ रहे हैं।
  • कोरोना की वैक्सीन भी आ चुकी है, लेकिन लापरवाही नहीं बरतनी है।
  • कोरोना का खतरा अभी भी बरकरा है और सबसे पास वैक्सीन पहुंचने में अभी लंबा वक्त लगेगा।
  • लोगों की लापरवाही के कारण कई देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं।
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लखनऊ
राजधानी में नए संक्रमितों का आंकड़ा लगातार घट रहा है। पिछले चार से दिन से 100 से कम नए केस मिल रहे हैं। बुधवार को सिर्फ 70 नए संक्रमित मिले। इस बीच कोरोना की वैक्सीन भी आ चुकी है, हालांकि लोगों तक इसे पहुंचने में अभी चार से पांच महीने लग सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन हालात में लोगों को और सावधान रहने की जरूरत है। लोगों की लापरवाही के कारण कई देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं। ऐसे में मास्क के इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए ही कोरोना पर कंट्रोल किया जा सकता है।
जुलाई तक पूरे होंगे तीन चरण
प्रदेश में फिलहाल कोरोना वैक्सिनेशन शुरू हो चुका है। पहले चरण में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी डोज लगाई जा रही है। दूसरे चरण में पुलिस, नगर निगम समेत दूसरे विभागों के कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद तीसरे चरण में बुजुर्गों को यह टीका लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के मुताबिक, शुरुआती तीनों चरण में प्रदेश को वैक्सीन की 4 करोड़ डोज की जरूरत है। ये तीनों चरण जुलाई तक पूरे होने के आसार हैं। इसके बाद ही आम लोगों को कोरोना की वैक्सीन मिलने के आसार हैं। ऐसे में वैक्सीन लगने तक कोरोना से बचाव ही इसकी सबसे बड़ी दवाई है।

वैक्सीन लगवाने वालों से भी दूरी जरूरी
केजीएमयू के रेस्पिरेटरी विभाग के हेड डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि फिलहाल कोरोना की वैक्सीन लगवाने वालों से भी सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी है। वैक्सीन से सिर्फ इसे लगवाने वाले का बचाव हो सकता है, लेकिन ऐसे लोग दूसरों की तरह ही संक्रमण फैला सकते हैं।

पहले से ज्यादा हो रही मॉनिटरिंग
नए केस घटने के बाद भी संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सर्विलांस और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी है। सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि अब हर मरीज के संपर्क में आए 24 लोगों का सैंपल लिया जा रहा है। ऐसे में संक्रमित के परिवार के सदस्यों के साथ आसपास के लोगों और कार्यालय के सहकर्मियों की भी जांच हो रही है। इसके साथ कोरोना कंट्रोल रूम के जरिए मरीजों की भी मॉनिटरिंग हो रही है। मरीजों को रोज कॉल कर उनका हालचाल लिया जा रहा है।

ऐसे घटे केस
16 जनवरी 127
17 जनवरी 92
18 जनवरी 81
19 जनवरी 73
20 जनवरी 70

इन देशों ने झेला लापरवाही का खमियाजा

1. फ्रांस: जुलाई के बाद कोरोना के केस घटने लगे। अगस्त में हालात काबू में आ चुके थे, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण सितंबर में फिर केस बढ़ने लगे। अक्टूबर में दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा। फ्रांस में अब तक कुल करीब 29 लाख लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें 26 लाख अब भी इसकी चपेट में हैं।

2. जर्मनी: कोरोना के केस नियंत्रित होने के बाद दोबारा संक्रमण तेजी से बढ़ा। ऐसे में अक्टूबर में दोबारा लॉकडाउन लगाया गया। यहां 20 लाख से अधिक मरीज संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 17 लाख से अधिक ठीक हो चुके हैं।

3. बेल्जियम: सितंबर में कोरोना की दूसरी लहर आई। 1.60 लाख से ज्यादा नए केस सामने आए। अक्टूबर में रोजाना 8,000 नए संक्रमित मिले।

4. स्पेन: अक्टूबर में कोरोना के केस 10 लाख पार हो गए। इस कारण देश में फिर लॉकडाउन की नौबत आ गई और सरकार ने सिर्फ दफ्तर, स्कूल और इलाज के लिए बाहर निकलने की अनुमति दी।

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