बाइक सवारों को 23.50 रुपये की रसीद देकर 25 वसूल रहे ठेकेदार के कर्मचारी
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
एनईआर के कैब-वे में वाहनों की एंट्री के लिए पहले से ज्यादा फीस वसूली जा रही है। यात्रियों को यहां से गाड़ी ले जाने पर पार्किंग फीस के साथ जीएसटी भी देना पड़ रहा है। इस कारण यात्रियों और ठेकेदार के कर्मचारियों के बीच नोकझोंक भी हो रही है। राजधानी में रेलवे की यह पहली पार्किंग है, जहां जीएसटी भी वसूला जा रहा है।
लखनऊ जंक्शन के कैब-वे से जाने पर यात्रियों को प्लेटफॉर्म छह से आने-जाने वाली ट्रेनों के कोच के सामने तक जाने की सुविधा मिलती है। अभी तक कैब-वे से चौपहिया वाहन ले जाने पर 50 रुपये एंट्री फीस ली जाती थी, लेकिन अब ठेकेदार इसके साथ 18 फीसदी जीएसटी लगाकर 59 रुपये की रसीद दे रहा है और 59 के बजाय यात्रियों से सीधे 60 रुपये ले रहा है। इसी तरह दोपहिया वाहन चालकों को 20 रुपये के बजाय 23.60 रुपये की रसीद देकर 25 रुपये वसूले जा रहे हैं। इससे ठेकेदार की रोजाना हजारों रुपये की अतिरिक्त कमाई हो रही है। वहीं, कुछ यात्रियों का आरोप है कि उन्हें अब भी मैनुअल पर्ची थमाई जा रही है, जबकि जीएसटी के लिए इलेक्ट्रॉनिक बिल जरूरी है।
कोट
रेलवे बोर्ड ने जीएसटी लेने के निर्देश दिए हैं, लेकिन यह सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक रसीद वाले बिलों पर ली जा सकती है। अगर ठेकेदार पुरानी रसीद दे रहा है तो जीएसटी मान्य नहीं होगी।
एसके सिंह, सीनियर डीसीएम, एनईआर