-विसरा रिपोर्ट में भी नहीं आई कोई चौंकाने वाली जानकारी
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : दो राज्यों की साख का सबब बनी आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में सीबीआई ने 300 से ज्यादा गवाहों के बयान लिए। इसमें कर्नाटक और यूपी के बड़े-बड़े अधिकारियों से लेकर, प्लेन में अनुराग के साथ सफर करने वाले यात्री और मीराबाई गेस्ट हाउस के पास चाय का ठेला लगाने वाला तक शामिल हैं। एम्स की मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट, मौके से मिले साक्ष्यों, डिजिटल व फरेंसिक साक्ष्यों और 300 से ज्यादा गवाहों के बयान के आधार पर सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट के नतीजे पर पहुंची।
सीबीआई ने आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में लखनऊ व कर्नाटक में उनके बैचमेट, बचपन के सभी करीबी दोस्तों, मौत से कुछ दिन पहले तक उनकी जिससे भी फोन पर या सोशल मीडिया पर बातचीत हुई उन सभी के बयान लिए। कर्नाटक में अनुराग के पास जिन दो विभागों का चार्ज था वहां कार्यरत सभी साथी अधिकारियों व कर्मचारियों के भी बयान लिए गए। इसके अलावा कर्नाटक के लोकायुक्त व उनके कार्यालय के लोगों, एंटी करप्शन ब्यूरो और मुख्य सचिव के यहां भी लोगों के बयान हुए और उनसे पूछा गया कि क्या अनुराग ने भ्रष्टाचार या किसी बड़े घोटाले के संबंध में कोई शिकायत की है या नहीं। सीबीआई ने अनुराग की तलाकशुदा पत्नी से भी उनके संबंधों, तलाक होने की वजह के बारे में गहन पूछताछ की। पत्नी ने जानकारी दी कि एक मार्च 2017 को ही उनका सहमति से तलाक हो गया था।
डिजिटल और फरेंसिक साक्ष्य
सीबीआई ने घटनास्थल के पास से टाटा डोकोमो, गौरी अपार्टमेंट और मीराबाई मार्ग से राणा प्रताप मार्ग की ओर जाने वाले चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों की सुबह चार बजे से पांच बजे की बीच की फुटेज की पड़ताल की थी, लेकिन उनसे कोई क्लू नहीं मिला। इसी तरह घटनास्थल के पास खड़े ट्रक (यूपी 42 बी 5300) की भी सीएफएसएल के विशेषज्ञों ने जांच की, लेकिन कोई संदिग्ध रिपोर्ट और चीज नहीं मिली। अनुराग तिवारी मीरा बाई गेस्ट हाउस के जिस कमरा नंबर 19 में रुके थे वहां के दो कंबल में लगे दाग की भी फरेंसिक जांच करवाई गई थी। एक कंबल से ह्यूमन सीमेन मिला, जिसके डीएनए सैंपल का मिलान एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के ब्लड सैंपल से करवाया गया। इसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। लखनऊ पुलिस द्वारा बेंगलुरु में अनुराग तिवारी के घर से सीज किए गए सामान में से गांजे के साक्ष्य मिले। परिवार के पास से मिले अनुराग तिवारी के मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पेन ड्राइव व लैपटॉप समेत अन्य सामान की जांच भी सीएफएसएल द्वारा की गई। इनमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो केस में काम आता। अनुराग तिवारी के आई पैड व मैक बुक को पॉसवर्ड न होने की वजह से सीएफएसएल चंडीगढ़ के विशेषज्ञ खोल नहीं सके।
गांजे व दूसरे नशे के आदी थे अनुराग
सीबीआई की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि अनुराग तिवारी गांजे व अन्य नशे के आदी थे। जांच के लिए सीएफएसएल भेजी गई सिगरेट में गांजा होने के साक्ष्य मिले हैं। अनुराग के सामान से महादेव गोला का एक छोटा पैकेट मिला था। इसमें भांग थी। अनुराग चेन स्मोकर भी थे। अनुराग की स्लीपर में लगे खून की भी जांच की गई। सीएफएसएल की रिपोर्ट में यह मानव खून पाया गया। इसका मिलान एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के डीएनए सैंपल से किया गया, लेकिन उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। अनुराग के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल, वॉट्सऐप चैट, क्रेडिट कार्ड व बैंक रेकॉर्ड को भी सीबीआई ने खंगाला। वॉट्सऐप की डिलिट की गई चैट की भी पड़ताल की, लेकिन ऐसी कोई चीज नहीं मिली जो केस से जुड़ी हो। बैंक ट्रांजेक्शन में भी कोई संदिग्ध बात नजर नहीं आई।
बेंगलुरु के दोस्तों और महिला मित्रों पर लगे आरोप भी झूठे पाए गए
अनुराग के भाई और परिवारवालों की तरफ से जांच के दौरान अनुराग से जुड़े कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायतें की गई थीं। जिसके तहत सीबीआई ने बेंगलुरु में रहने वाले उनके दोस्त अकरम, खाद्य सचिव हर्ष गुप्ता और अनुराग की कुछ करीबी महिला मित्र जिनमें कई अधिकारी भी शामिल हैं से भी सीबीआई ने पूछताछ की। इनकी कॉल डिटेल लोकेशन की भी गहन पड़ताल हुई, लेकिन किसी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला। सीबीआई ने मीरा बाई गेस्ट हाउस में उस दौरान रुके सभी लोगों और आने जाने वालों का ब्योरा जुटाकर उनसे भी पूछताछ की, लेकिन कोई संदिग्ध बात सामने नहीं आई।
पीएन सिंह के लोहिया अस्पताल जाने की भी हुई जांच
घटना वाले दिन प्रभु नारायण सिंह सुबह-सुबह गोमती नगर स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल गए थे। सीबीआई ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि वह बैडमिंटन खेलने के दौरान चोटिल हो गए थे, जिसकी जांच के लिए वह लोहिया अस्पताल गए थे। इसकी पुष्टि लोहिया अस्पताल के स्टाफ और सीएसआई क्लब में मौजूद लोगों से हुई है।
कैंसिल करवाया था एयर टिकट
अनुराग 16 मई को करीब नौ बजकर 12 मिनट पर लखनऊ से बैंगलोर का जेट एयरवेज से टिकट करवाया जो 17 मई को शाम सात बजकर 40 मिनट पर थी। इसके बाद सीएसआई क्लब में वॉक करने के बाद रात 10.40 पर दोनों गेस्ट हाउस आ गए थे। करीब 11 बजे प्रभु नारायण सिंह सो गए, लेकिन अनुराग तिवारी मोबाइल पर व्यस्त रहे। रात करीब 11 बजकर 48 मिनट पर उन्होंने टिकट कैंसिल करके इंडिगो का टिकट करवा लिया। यह फ्लाइट सुबह 12 बजे लखनऊ से उड़नी थी और शाम पांच बजकर 25 मिनट पर बेंगलुरु पहुंचनी थी। रात में उसने एक करीबी मित्र को वॉट्सऐप पर मेसेज भेजा कि वह सोने जा रहे हैं।
पांच दिन बाद एफआईआर से नष्ट हो गए कई साक्ष्य
इस मामले में पांच दिन बाद एफआईआर होने के चलते कई साक्ष्य नष्ट हो गए। जैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आईएएस अनुराग तिवारी के कपड़ों को सुरक्षित नहीं रखा गया। घटनास्थल और कमरे से साक्ष्य जुटाने में भी पुलिस की तरफ से लापरवाही बरती गई।
अनुराग के साथ रहे आईएएस से पूछताछ में नरमी बरतने का आरोप
एनबीटी, बहराइच : बहराइच के कानूनगोपुरा दक्षिणी मोहल्ले में आवास पर रह रहे दिवगंत आईएएस के पिता डॉ. बद्री नारायण तिवारी सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं है। मौत से पहले उनका बेटा लखनऊ में एक आईएएस अधिकारी के साथ रहा। गेस्ट हाउस में साथ रहने के दौरान ही उनके बेटे का मर्डर हो गया और सीबीआई साथ रह रहे आईएएस से पूछताछ में नरमी बरतती है। बेटे की ईमानदारी को लेकर उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भ्रष्टाचार के मामले पकड़ने के बाद उसे बरगलाने के लिए अफसरों ने कई लालच दिए, लेकिन वह डिगा नहीं था।