n एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : अगर रात में बार-बार पेशाब आ रही है, करने में परेशानी हो रही या नहीं हो रही है या किसी भी तरह का परिवर्तन है तो यह प्रोस्टेट डिजीज की दस्तक हो सकती है। इसे बीनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) कहा जाता है। 40 से अधिक आयु के लगभग आठ प्रतिशत लोगों में इसकी शिकायत होती है। जबकि 60 की आयु में लगभग 50 प्रतिशत पुरुष इसकी चपेट में आ जाते हैं। इसका सर्जरी के अलावा दवाइयों से भी इलाज हो सकता है। यह बात बुधवार को केजीएमयू के सर्जरी विभाग के प्रो. एचएस पाहवा ने कही। वह प्रोस्टेट हेल्थ माह के पूर्व आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। सितंबर को प्रोस्टेट हेल्थ माह के रूप में मनाया जाता है। केजीएमयू के यूरॉलजी विभाग के प्रो. दिवाकर दलेला ने बताया कि इसके इलाज में लापरवाही से पेशाब की थैली में इंफेक्शन, रक्त रिसाव और किडनी तक प्रभावित हो जाती है। शरीर में सूजन भी आ जाती है। इससे बचने के लिए 30 की आयु के बाद नियमित एक्सरसाइज करें। वजन को बढ़ने न दें और ऐसा खाना खाएं जिससे कब्जियत न हो। कोल्ड ड्रिंक आदि से भी परहेज करें। फल और हरी सब्जियां व सलाद अधिक खाएं।
यूरिन में बदलाव प्रोस्टेट की बीमारी तो नहीं?
अगर रात में बार-बार पेशाब आ रही है, करने में परेशानी हो रही या नहीं हो रही है या किसी भी तरह का परिवर्तन है तो यह प्रोस्टेट डिजीज की दस्तक हो सकती ...
Navbharat Times 29 Aug 2019, 6:30 am