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कर्मचारी कल्याण निगम के 14 अफसरों पर हैं आरोप
\Bएनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
उप्र कर्मचारी कल्याण निगम में पिछले तीन साल के दौरान सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) करेगी। खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह) ने मंगलवार को बताया कि 2017-18 से 2019-20 के दौरान विभाग के 14 अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सामने आए। इनमें 11.48 करोड़ रुपये की हेराफेरी की शिकायत है। सभी मामलों में अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ संबंधित जिलों में एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है।
रणवेंद्र सिंह ने बताया कि जिन अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है, उनमें विक्रेता एचएन सिंह, खिचड़ू राम, अजब नारायण त्रिपाठी, चंद्र विशाल त्रिपाठी, अशोक कुमार सक्सेना, अमित प्रताप सिंह राणा, रितेश मिश्रा, नागेश्वर पाठक, श्रीप्रकाश उपाध्याय, अशोक कुमार यादव शामिल हैं। इसके अलावा मंडल प्रभारी विद्यानंद पाठक, प्रदीप कुमार सागर, नरेंद्र प्रताप और सहायक प्रमोद कुमार गुप्ता के नाम भी शामिल हैं। इनमें प्रमोद कुमार को वसूली के बाद बहाल किया गया है, अशोक कुमार सक्सेना और खिचड़ू राम रिटायर हो चुके हैं। बाकी सभी अफसर निलंबित चल रहे हैं। सीएम ने इस सभी मामलों की जांच नवंबर 2019 में ईओडब्ल्यू से करवाने का आदेश दिया था।
\Bलक्ष्य से ज्यादा हुई धान खरीद\B
रणवेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने धान खरीद के लिए तय लक्ष्य से अधिक खरीद कर ली है। इस खरीफ वर्ष में 50 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य था, जबकि अब तक 53 लाख टन की खरीद हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य पूरा होने के कारण लखनऊ सहित आसपास के क्षेत्रों में धान खरीद केंद्र बंद हो गए हैं। हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद 29 फरवरी तक होनी चाहिए थी।
एक अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल 28 फरवरी तक जारी रहेगी.