\B-सरकारी और सहायता प्राप्त महाविद्यालय की मनमानी पर वीसी ने दिए निर्देश\B \B
एनबीटी, लखनऊ :\B अब सरकारी और सहायता प्राप्त महाविद्यालय छात्रों के दाखिले लेने से इनकार नहीं कर सकेगा। साथ ही यूजी और पीजी के कोर्स बीच में ही बंद करने की मनमानी भी नहीं चल सकेगी। ऐसा करने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ विश्वविद्यालय में गुरुवार को वीसी प्रो.एसपी सिंह की अध्यक्षता में हुई प्रवेश समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस संबंध में जल्द ही कॉलेजों को निर्देश जारी किया जाएगा।
दरअसल, महिला महाविद्यालय ने इस साल बीकॉम प्रथम वर्ष में यह कहकर प्रवेश लेने से इनकार कर दिया था कि उनके पास कॉमर्स के लिए सिर्फ एक ही शिक्षिका हैं। साथ ही इस कोर्स में पढ़ने वाली थर्ड इयर की छात्राओं को भी पढ़ाने से हाथ खड़े कर दिए थे। इसे लेकर लुआक्टा ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कॉलेज के खिलाफ पेनाल्टी लगाने की मांग की थी। वीसी प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि अगर किसी को कोर्स बंद करना है तो एक साल पहले आवेदन करना होगा, जिस पर विश्वविद्यालय विचार करेगा।
\Bपांच साल से ज्यादा तो यूजी की अनुमति नहीं\B
बैठक में बीएससी सेकंड इयर के एक छात्र को पढ़ाई पूरी करने का अवसर देने का मामला रखा गया। प्रति कुलपति प्रो. राजकुमार सिंह ने बताया कि यूजीसी के नियमों के मुताबिक, पांच साल में ही डिग्री पूरी की जा सकती है, लेकिन जिस छात्र ने अनुमति मांगी थी, उसकी पढ़ाई पूरी होने पर में छह साल का समय लगेगा, इसलिए उसे अनुमति देने से इनकार कर दिया।
\Bविदेशी छात्रों को 5% की छूट
\Bएलयू अब विदेशी छात्रों को दाखिले के लिए अंकों में करीब पांच प्रतिशत की छूट देगा। एलयू वीसी प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि विदेशी छात्र ज्यादा से ज्यादा विवि में दाखिला लें, इसलिए उन्हें ओबीसी, एससी-एसटी छात्रों की तर्ज पर प्रवेश में छूट दी जाएगी।
\B सेमेस्टर सिस्टम पर होगा फैसला
\Bबैठक में सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई करवाने का मुद्दा भी रखा गया। बताया गया कि कुछ छात्रों ने अनुवल सिस्टम में प्रवेश लिया था, लेकिन अब वह सेमेस्टर सिस्टम में पढ़ाई करना चाह रहे हैं। इस पर वीसी ने रजिस्ट्रार को ऐसे मामले तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे निर्णय लिया जा सके।